शिक्षक | Shikshak
शिक्षक
( Shikshak )
शिक्षा का दीप जलाते शिक्षक ज्ञान का प्रकाश बिखराते शिक्षक।
अज्ञानता और अशिक्षा के अंधकार से छुटकारा दिलाते शिक्षक।
ज्ञानदीप के उजियारे से चहुं ओर उजाला फैलाते शिक्षक।
शिक्षा के प्रसार से लोगों को हर तरह से सक्षम बनाते शिक्षक।
बिना शिक्षा के जीवन अधूरा लोगों को ये बात बताते शिक्षक।
आम जनता को सही राह दिखाकर जन जागृति फैलाते शिक्षक।
जाति पाती ऊंच नीच के भेदभाव का अंतर भी मिटाते शिक्षक।
दहेज प्रथा और कन्या भ्रूण हत्या सी कुरीतियों से बचाते शिक्षक।
दबे हुए शोषित जन को भी समाज में सम्मान दिलाते शिक्षक।
अन्याय और अनीति के विरोध करने की बात सिखाते शिक्षक।
सबको समान शिक्षा देकर लोगों को खुशहाल बनाते शिक्षक।
क्या सही और क्या गलत है सबको ये सिखलाते शिक्षक।
स्कूल में पढ़ाता हो जो केवल वही नहीं है शिक्षक।
जो हमें सही राह दिखलाए हर वो व्यक्ति है एक शिक्षक।
जीवन देते माता पिता तो जीवन को संवारते हैं शिक्षक।
मात पिता के बाद धरती के ईश्वर होते हैं शिक्षक।
रचनाकार –मुकेश कुमार सोनकर “सोनकर जी”
रायपुर, ( छत्तीसगढ़ )
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