शिक्षक सदा परम अभिनंदन | Shikshak ke Liye Kavita
शिक्षक अनुपम अनुदानों का
( Shikshak anupam anudano ka )
शिक्षक अनुपम अनुदानों का, जीवन सदा आभारी
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पितृत्व ममत्व आभा धर,
ज्ञानामृत अनंत प्रवाह ।
तेज प्रभाव गुरु सिंहासन,
अज्ञान तिमिर स्वाह ।
मोहक अनूप व्यक्तित्व ,
दिशा बोध पथ सदाचारी ।
शिक्षक अनुपम अनुदानों का, जीवन सदा आभारी ।।
अथक परिश्रम मूल मंत्र,
जीवन पर्यंत पालना ।
कर्म निष्ठ अनुशासन संग,
उत्तम चरित्र ढालना ।
ज्ञान कोष अद्भुत प्रसाद,
सहज अधिगम अवतारी ।
शिक्षक अनुपम अनुदानों का, जीवन सदा आभारी ।।
सेतु बन राष्ट्र निर्माण,
भर मृदुल हिय संस्कार ।
मृदु मुस्कान रख अधर,
सफलता सूत्र आधार ।
शब्द भाव भाषा व्याख्या,
नित्य समस्या उपचारी ।
शिक्षक अनुपम अनुदानों का, जीवन सदा आभारी ।।
ज्ञान कष्ट कंटक हर,
नित सुगम राह प्रशस्त ।
स्मरण कर जीवन वृत्त,
बाधाएं जड़ मूल अस्त ।
पाकर परम आशीष ,
सदैव खिले जीवन फुलवारी ।
शिक्षक अनुपम अनुदानों का, जीवन सदा आभारी ।।
शिक्षक सदा परम अभिनंदन
( Shikshak sada param abhinandan )
मुदित अंतस ऋषि सम,
चिंतन मनन ज्ञान ध्यान ।
नीतिमान निष्कपट निष्ठ,
सतत निरत पथ निष्काम ।
शमन दमन कर आडंबर ,
सद्ज्ञान सुरभि सम चंदन ।
शिक्षक सदा परम अभिनंदन ।।
लावण्य प्रभा मुख शोभित,
ओजमयी मोहक मुस्कान ।
समाहार शिक्षण कला,
नवाचार विधा मृदु गान ।
अबोध मन स्नेह सिक्त कर,
आचार विचार आदर्श मंडन ।
शिक्षक सदा परम अभिनंदन ।।
क्लेश द्वेष उग्र आवेश हीन,
उज्ज्वल उन्नत कर्म प्रधान ।
भरण सुसंस्कार मर्यादा,
वंदन निज संस्कृति शान ।
उत्साह उमंग उल्लास भर,
सकारात्मक वैचारिकी स्पंदन।
शिक्षक सदा परम अभिनंदन ।।
आत्मसात नई शिक्षा नीति,
लक्ष्य अर्जन विश्व गुरु छवि ।
कला विज्ञान वाणिज्य संग ,
राष्ट्र चमक दमक सदृश रवि ।
शीर्ष पुनीत पावन शिक्षक पद ,
अनंत चरण स्पर्श अभिवंदन ।
शिक्षक सदा परम अभिनंदन ।।
महेन्द्र कुमार