शिव शिव बोल ज्ञान पट खोल
( Shiv Shiv Bol Gyan Pat Khol )
शिव शिव बोल ज्ञान पट खोल।
हर हर भज नर नाम अनमोल।
बाबा भोलेनाथ जय महाकाल।
गंगा जटा सोहे चंद्र सोहे भाल।
त्रिनेत्र त्रिशूलधारी नीलकंठ त्रिपुरारी।
भस्म रमाए शिवशंकर बाघाम्बर धारी।
डम डम डमरू बाजे नटराज नृत्य धारे।
बिल्व पत्र भोले प्यारे हरते शंकर सारे।
शिव शिव बोल ज्ञान पट खोल।
भोले शिव बाबा हर हर बोल।
भोले अविनाशी काशी के वासी।
जग रखवाले बाबा शिव कैलाशी।
भर दो भंडार मेरे बाबा आया द्वार तेरे।
संकट मुझको घेरे मन माला तेरी फेरे।
शिव कालों के काल बाबा महाकाल।
तेरी लीला तू जाने रखना हमें संभाल।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )