श्री राधे | Shree Radhe Poem in Hindi
श्री राधे
( Shree radhe )
मृदुल भाषिणी सौन्दर्य राधिणी रसकिनी पुनीता..श्री राधे।
नित्य नवनीता रास विलासिनी दिव्य सुहासिनी.. श्री राधे।
नवल किशोरी अति ही मोही नित्य सुखकरनी…श्री राधे।
कृष्ण आनन्दिनी आनन्द कादिनी कंचन वर्णा….श्री राधे।
नवल ब्रजेश्वरी नित्य रासेश्वरी रस आपूर्ति…श्री राधे।
कोमल अंगिनी कृष्ण संगिनी प्रेम मूर्ति तुम…..श्री राधे।
निकुंज स्वामिनी कृपा वर्षिणी परम हर्षिणी….श्री राधे।
सुभग भागिनी जगत स्वामिनी सिन्धु स्वरुपा.. श्री राधे।
रास रासेश्वरी सकल गुणिता परम अनुपा….. श्री राधे।
कृष्ण सुखकारी परम हितकारी परम पुनिता. श्री राधे।
विषभानु दुलारी रज बरसानी चिर यौवना…श्री राधे।
श्याम सखी रस राजवती हुंकार हृदय बसी….श्री राधे।
कवि : शेर सिंह हुंकार
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )