आचार्य श्री महाश्रमण

युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी का 51 वां दीक्षा दिवस

युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी का 51 वां दीक्षा दिवस

 

परम पूज्य , अनन्त आस्था के आलय , महान गणनायक , संत शिरोमणी , अप्रमत महासाधक ,अहर्निष करुणा की श्रोतस्वीनी बहाने वाले ,सदगुण रत्नाकर , विधा विशारद , अर्हत वांगमय के उदगाता , अर्हता के आलोक पुँज , श्रम का सागर बहाने वाले , करुणा कुबेर , हमारे भीतर संवेग व निर्वेग पैदा करने वाले, पवित्रता के महासाधक , युगे महापुरुष , वितराग तुल्य , भगवान महावीर के पथ गामी , जीवन नैया के कर्णधार ,तीर्थंकर के प्रतिनिधि , युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के 51 वां दीक्षा दिवस (युवा दिवस) पर भावों से मेरा शत – शत वन्दन व इस अवसर पर मेरे मन के उदगार श्री चरणो में –

संकल्प शक्ति से आत्म शांति को जगायें ।
जीवन को नेक बनाने का सब संकल्प जगायें ।
आत्मा का ‘प्रदीप ‘ हम सब पायें ।
जीवन सफल बनाये ।
गुरुदेव की अमृत देशना से जीवन घट भरना है ।
मानवता की पुनः प्रतिष्ठा जन – जन में करना हैं ।
एक – एक शुभ नियम बदलता , वह जीवन की रेख ।
जीवन सफल बनाये ।
कल को किसने देखा है किसका न भरोसा है ।
धर्म ध्यान कर आत्मा को उज्जवल अभी करना हैं ।
आउखे की घड़ियाँ कब कहाँ कैसे प्राण हरण कर ले ।
जीवन सफल बनाये ।
आया है जो यहाँ जन्म लेकर वह निश्चित ही जायेगा ।
मोह – माया में फंसकर ऊमर सारी न खोना है ।
धर्म – ध्यान से आत्मा का घट भरकर जाना हैं ।
जीवन सफल बनाये ।
मनुष्य भव पाकर इस जीवन को सफल बनाना हैं ।
यह नाव पड़ी इस भँवर में उसे सही पार लगाना हैं ।
धर्म का सदा सहारा हैं उसे सदा दिल में धरना हैं ।
जीवन सफल बनाये ।
साधु – साध्वी कहते सबको मंजिल की और कदम बढ़ाना हैं ।
तन – धन सारा नश्वर सबको यहाँ छोड़ के जाना हैं ।
आत्मा के कर्मों के मैल को धों उजला करना हैं ।
जीवन सफल बनाये ।

प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)

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आचार्य श्री महाश्रमण जी | Acharya Shri Mahashraman Ji

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