Poem Rama Sugriva
Poem Rama

श्री राम कथा

( Shri Ram Katha )

 

श्री राम कथा वंदन शुभकारी

त्रेता युग हिंद अखंड धरा,अयोध्या नगरी अनूप ।
दिव्य भव्य रघुवंश कुल,दशरथ लोकप्रिय भूप ।
कैकयी सुमित्रा कौशल्या,तीन राज राज्ञी गुणकारी ।
श्री राम कथा वंदन शुभकारी ।।

राम भरत शत्रुघ्न लक्ष्मण,चार आज्ञाकारी पुत्र ।
श्रवण प्राण हरण कारक,राजा दुःख कष्ट सूत्र ।
कैकयी प्रदत्त वर अहम,राम श्रृंगार वल्कलधारी ।
श्री राम कथा वंदन शुभकारी ।।

चौदह वर्ष वनवास,पतिव्रता धर्म भ्राता प्रेम शीर्ष ।
सीता लक्ष्मण संग गमन,समर्पण व्यंजना उत्कर्ष।
भरत चाह उर्मिला विरह,युग युगांतर उत्कंठाधारी ।
श्री राम कथा वंदन शुभकारी ।।

शापित वन्य प्राणी हित,वनवास सम वरदान।
विमुक्ति पाप शाप,सौभाग्य राम दर्शन विधान ।
मैत्री सुग्रीव विभीषण संग,हनुमान सेवाचारी।
श्री राम कथा वंदन शुभकारी ।।

ऋषि कृपा भरद्वाज तापस,वाल्मिकी सह वशिष्ठ ।
अत्रि अनुसया सुतीक्ष्ण,शरभंग अगस्त्य भेंट शिष्ट ।
जटायु शबरी नारद दर्श, पुनीत प्रेरणा अधिकारी ।
श्री राम कथा वंदन शुभकारी ।।

लंका नरेश रावण वध,अहंकार असुरता मूल अंत ।
सत्य अच्छाई नित वरण,विजय श्री आह्लाद अनंत ।
मर्यादा पुरुषोत्तम चरित्र ,आदर्श नैतिक आज्ञाकारी।
श्री राम कथा वंदन शुभकारी ।।

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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