सिवा अंबेडकर के | Siva Ambedkar Ke
सिवा अंबेडकर के
( Siva Ambedkar Ke )
कारवाॅं कोई नहीं है , रास्ता कोई नहीं,
अब सिवा अंबेडकर के रहनुमा कोई नहीं।
छाॅंव में बाबा ने लाकर तब बिठाया था हमें,
धूप से बचने का जब था आसरा कोई नहीं।
दासता की दास्ताॅं पढ़ते तो तुम भी जानते,
दर्द में डूबी हुई ऐसी, कथा कोई नहीं।
बस तुम्हारे दम से ‘बाबा’ रौशनी मिलती गयी,
रौशनी का वर्ना देता था पता कोई नहीं।
आदमी में आदमीयत है तो वो इंसान है,
है जो मानवता तो फिर छोटा-बड़ा कोई नहीं।
बस यही एक दाग़ है इंसानियत के नाम पर,
हैं जहाॅं में सब बराबर, मानता कोई नहीं।
आपकी ऊॅंचाइयों तक कोई क्या जा पाएगा,
आप जैसा इस जमीं पर, दूसरा कोई नहीं।
आर.पी सोनकर ‘तल्ख़ मेहनाजपुरी‘
13-ए, न्यू कॉलोनी, मुरादगंज,
जौनपुर-222001 ( उत्तर प्रदेश )