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स्मित स्मृतियों की मृदु मंथर वात | Smrtiyon par Kavita

स्मित स्मृतियों की मृदु मंथर वात

( Smit smrtiyon ki mrdu manthar waat ) 

 

स्मित स्मृतियों की मृदु मंथर वात
हृदय उमड़ते भावों की नवप्रभात
प्रिय मिलन की मधुर सी घड़ियां
धड़कनों की डोरी सांसों की बात

लबों के तराने दिलों का धड़कना
लताओं की भांति हंसके लिपटना
प्रित के सिंधु में हिलोरे हो भावन
खुशियों की बारिश आया सावन

मंद पुष्पित सुरभीत बहारें आई
आंगन भी महका दीवारें हरसाई
यादों के झरोखे में चली पुरवाई
पिया मिलन गोरी दौड़ी सी आई

 

रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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