Kavita Rag Rang Anupama
Kavita Rag Rang Anupama

राग रंग अनुपमा

( Rag Rang Anupama )

 

राग रंग अनुपमा, होली के पावन पर्व पर

लोक आभा मोहक सोहक,
सर्वत्र आनंद अठखेलियां ।
प्रेम बसंती चरम बिंदु,
सुलझन गुत्थी पहेलियां ।
जननी जन्म धरा आह्लाद,
लौटते कदमों पर गर्व कर ।
राग रंग अनुपमा, होली के पावन पर्व पर ।।

अंतर्संबंध नेह अभिव्यंजना ,
अपनत्व सरित प्रवाह ।
निर्वहन परंपरा सुसंस्कार,
लोक संस्कृति तरंग अथाह ।
धूमिल वैमनस्य उग्र आवेश
खुशियां जनमानस कर्व पर ।।
राग रंग अनुपमा, होली के पावन पर्व पर ।।

हास्य परिहास अंगिता,
मधुर अभिव्यक्ति जन संवाद।
मान सम्मान स्नेह दुलार,
उत्सविक प्रसरण निर्बाध ।
सर्व धर्म सद्भाव छटा,
प्रेम भाईचारा सर्व कर ।
राग रंग अनुपमा, होली के पावन पर्व पर ।।

पटाक्षेप हिरण्यकश्यपता,
नमन आचमन प्रह्लाद भक्ति ।
सत्य रथ आरूढ़ संकल्प,
लोक अनुभूत विजय शक्ति ।
जीवन कश्ती मस्त मलंग,
हार्दिक मंगल कामना नर्व पर ।
राग रंग अनुपमा, होली के पावन पर्व पर ।।

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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