सुन्दर श्याम

( Sundar Shyam ) 

 

शांत सौम्य सुन्दर श्याम
जन्म पर जिनके क्या खूब बरसे घनश्याम
पहुँचे फिर भी गोकुल धाम
बंसी की धुन पर नाचे गैया
नचाते राधा को भी श्याम
ध्यान में जिनके जग सारा,
उनको राग सिखाते श्याम
खेल है जिनका सृष्टि रचना
उस सृष्टि का हिस्सा श्याम
करने नए युग का निर्माण
निर्वाण पथ अपनाते श्याम
निराधार है जीवन का कर्म
कर्म का मर्म समझाते श्याम
समर्पित है जीवन जिनका
समर का तर्पण बताते श्याम
कली की खिलती कली को
द्वापर के द्वार सजाते श्याम
भ्रमित कर रही माया मन को
मन को सांख्य सिखाते श्याम
पथ ना सूझे अज्ञानी जग को
कर्मयोग दिखलाते श्याम
नश्वर तन के चंचल मन को
स्थितप्रज्ञ बनाते श्याम।

 

Dr. Priyanka Mishra
( IELTS Trainer )

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