हमारी राष्ट्र भक्ती

हमारी राष्ट्र भक्ती

हमारी राष्ट्र भक्ती     दोस्त गाओ रोज़ नगमा मुल्क का आदमी वो अपने सच्चा मुल्क का   मैं रहूँ परदेश में चाहें जहां क़ैद है आंखों में चेहरा मुल्क का   ले नहीं सकते दुश्मन कश्मीर को ये सदा होगा  हिस्सा मुल्क का   नींद में भी सिलसिला है अब यही ख़्वाब आंखों में…

प्यार की आजम थम गई बारिश

प्यार की आजम थम गई बारिश

प्यार की आजम थम गई बारिश     प्यार की आजम थम गई बारिश! नफ़रतों की होती रही बारिश   नफ़रतों के ख़ंजर चले मुझपे प्यार की कब गुलू हुई बारिश   नफ़रत की दोस्त धूप निकली है प्यार की जब से ही थमी बारिश   नफ़रत की धूप जिससें ढ़ल जाये ऐसी आती नहीं…

वो आंखें जो आज़म इधर होती!

वो आंखें जो आज़म इधर होती!

वो आंखें जो आज़म इधर होती!     वो आंखें जो आज़म इधर होती! प्यार की फ़िर उससे नज़र होती   दिल को मेरे क़रार आ जाता हाँ अगर जो उसकी ख़बर होती   अंजुमन से चला गया उठकर  प्यार की कुछ  बातें मगर होती   यूं न होते अंधेरे ग़म के फ़िर जीस्त में…

कभी चहरे पे मत रीझौ दिलों से लोग काले है

कभी चहरे पे मत रीझौ दिलों से लोग काले है

कभी चेहरे पे मत रीझौ दिलों से लोग काले है   कभी चेहरे पे मत रीझौ दिलों से लोग काले है। समझ लो ठीक से सारे यहां जो भोले-भाले है।।   सभी का बात करने का बता देता हमें लहजा। बङे मगरूर रहते हैं यहां जो हुस्न वाले है।।   बहक पाते कदम तब ही…

उदासी में डूबे बहुत ही रहे है!

उदासी में डूबे बहुत ही रहे है!

उदासी में डूबे बहुत ही रहे है!     उदासी में डूबे बहुत ही रहे है! निगाहों से ही  आंसू मेरी बहे है   भुलाने जिसे चाहता हूँ मैं दिल से परेशां यादें रोज़ उसकी करे है   ख़ुशी का नहीं पल मिला जिंदगी में जीवन में मुझे ग़म बहुत ही मिले है   खेली…

मांग में सिंदूर भर दूँ मैं सनम

मांग में सिंदूर भर दूँ मैं सनम

मांग में सिंदूर भर दूँ मैं सनम     मांग में सिंदूर भर दूँ मैं सनम आ तुझे दुल्हन सी कर दूँ मैं सनम   भूल जायेगी दर्द ग़म दिल के सभी प्यार से इतनी  तर कर दूँ मैं सनम   चुनकर सब कांटो भरे ग़म तेरे ही फूलों से दामन ये भर दूँ मैं…

नफ़रत के ही देखें मंजर बहुत है!

नफ़रत के ही देखें मंजर बहुत है!

नफ़रत के ही देखें मंजर बहुत है!     नफ़रत के ही देखें मंजर बहुत है! मुहब्बत से ही दिल बंजर बहुत है   मुहब्बत का दिया था फूल जिसको मारे नफ़रत के ही पत्थर बहुत है   किनारे टूटे है पानी के  ऐसे हुऐ सब खेत वो बंजर बहुत है   किताबे होनी थी…

निगाहें अश्कों में ही तर रही है!

निगाहें अश्कों में ही तर रही है!

निगाहें अश्कों में ही तर रही है!     निगाहें अश्कों में ही तर रही है! यादें दिल पे देती नश्तर रही है   मुहब्बत की नजर से क्या देखेगा वो आंखों प्यार से  बंजर रही है   सहारा दें वफ़ा से जो हमेशा निगाहें ढूंढ़ती वो दर रही है   उल्फ़त के तीर कब…

चले जाओ भले गुलशन बिना गुल के मजा क्या है

चले जाओ भले गुलशन बिना गुल के मजा क्या है

चले जाओ भले गुलशन बिना गुल के मजा क्या है     चले जाओ भले गुलशन बिना गुल  के मजा क्या है। खिज़ा का है नहीं मौसम बहारों की फजा क्या है।।   अभी से सीख लो जीना यहां अपने  लिए यारो। समझ में आ गया हो ग़र गलत क्या है बजा क्या है।।  …

कर गया है और मुझसे एक वादा आज फ़िर

कर गया है और मुझसे एक वादा आज फ़िर

कर गया है और मुझसे एक वादा आज फ़िर     कर गया है और मुझसे एक वादा आज फ़िर दे गया है  मुझे ए दोस्त धोखा आज फ़िर   तोड़कर दिल को गया था प्यार में जो कभी आ गया है सामने मेरे वो चेहरा आज फ़िर   रिश्ते में ख़ुशबू वफ़ाओ की नहीं…