नज़र का तीर जब निकला यहां तेरी कमानी से

नज़र का तीर जब निकला यहां तेरी कमानी से

नज़र का तीर जब निकला यहां तेरी कमानी से     नज़र का तीर जब निकला यहां तेरी कमानी से। हज़ारों हाथ धो बैठे जहां में जिंदगानी से।।   बहुत सोचा लगा हमको ख़ता तेरी नहीं कोई। शिकायत है हमें ज़ालिम तेरी कातिल जवानी से।।   किया घायल सदा तूने अदाओं से हमें अपनी। हुआ…

उसको तो ज़रा भी दिल में ही प्यार नहीं है

उसको तो ज़रा भी दिल में ही प्यार नहीं है

उसको तो ज़रा भी दिल में ही प्यार नहीं है     उसको तो ज़रा भी दिल में ही प्यार नहीं है मैं सच कहूँ होठों पे ही  इक़रार नहीं है   आ दोस्त गले से ज़रा लग जा तू आकर अब राहों में खड़ी नफ़रत की दीवार नहीं है   हाँ छोड़ नगर इसलिए…

इस कदर वो याद आती हर घड़ी है

इस कदर वो याद आती हर घड़ी है

इस कदर वो याद आती हर घड़ी है     इस कदर वो याद आती हर घड़ी है ! पाने की आज़म उसी की ही लगी है   भूल पाना ही उसे मुश्किल हुआ अब  वो जुदा ऐसी मुझसे सूरत हुई है   प्यार जिसके लहजे में था ही नहीं जो एक सूरत जीस्त में…

किसी का ज़ोर न चलता यहां तक़दीर के आगे

किसी का ज़ोर न चलता यहां तक़दीर के आगे

किसी का ज़ोर न चलता यहां तक़दीर के आगे     किसी का ज़ोर न चलता यहां तक़दीर के आगे। झुकाते सर सभी अपना इसी तासीर के आगे।।     बला की खूबसूरत हो मिले कैसे कोई तुम सा। ठहरता जब नहीं कोई तिरी तस्वीर के आगे।।     न करते घाव वो दिल पर…

दिल हुआ है दीवाना इक आज मुखड़ा देखकर

दिल हुआ है दीवाना इक आज मुखड़ा देखकर

दिल हुआ है दीवाना इक आज मुखड़ा देखकर     दिल हुआ है दीवाना इक आज मुखड़ा देखकर! रोज़ आहें दिल मेरे अब उसको भरता देखकर   प्यार का दिल पे असर मेरे हुआ ऐसा यारों दिल कहीं भी अब नहीं उसको लगता देखकर   के जैसे मेरे लिये रब ने बनाया है तुम्हें दिल…

जो किया मिलनें का वो वादा बदलती

जो किया मिलनें का वो वादा बदलती

जो किया मिलनें का वो वादा बदलती     जो किया मिलनें का वो वादा बदलती दोस्त वो बातें लम्हा लम्हा बदलती   साथ क्या मेरा निभायेंगे जीवन भर देखकर मुझको वही चेहरा बदलती   आदमी इतना बुरा हूँ शक्ल से क्या मैं जो  मुझे वो देखकर  रस्ता बदलती   किस तरह उसपे यकीं कर…

बैठे है सब किसान दिल्ली में

बैठे है सब किसान दिल्ली में

बैठे है सब किसान दिल्ली में     बैठे है सब किसान दिल्ली में! चल रहे है बयान दिल्ली में   अपने हक़ के लिये किसानों ने   हाँ लगा दी है जान दिल्ली में   कोई भी  जब बातें  नहीं मानी क्या  किसानों का मान दिल्ली में   सच की आवाज़  से किसानों ने…

ग़म भरी अपनी यहां तो जिंदगी है

ग़म भरी अपनी यहां तो जिंदगी है

ग़म भरी अपनी यहां तो जिंदगी है     ग़म भरी अपनी यहां तो जिंदगी है! लिक्खी क़िस्मत में नहीं शायद ख़ुशी है   कोई भी अपना नहीं है आशना  ही तन्हाई के रोज़ आंखों में नमी है   हो गया मुझसे पराया उम्रभर वो रोज़ रातें यादों में जिसकी कटी है   हाँ ख़ुशी…

नज़र का तीर जब उसका जिग़र के पार होता है

नज़र का तीर जब उनका जिग़र के पार होता है

नज़र का तीर जब उनका जिग़र के पार होता है     नज़र का तीर जब उनका जिग़र के पार होता है। नहीं तब होश रहता है सभी सुख-चैन खोता है।।   सहे तकलीफ जो पहले है पाते चैन आख़िर में। जो पहले ऐश करता है सदा आख़िर में रोता है।।   वही मिलता उसे…

हाँ व़क्त कटता तेरे इंतजार में

हाँ व़क्त कटता तेरे इंतजार में

हाँ व़क्त कटता तेरे इंतजार में     हाँ व़क्त कटता तेरे  इंतजार में! तू लौट आ दिल मेरा बेक़रार में   इस बार आऊंगा मैं मिलनें को तुझे छुटटी है दोस्त मेरी इतवार में   वो तल्ख़ बात करता रोज़ है़ मगर लहज़ा नहीं उल्फ़त का मेरे यार में   ख़ुशबू  कैसे महकेगी प्यार…