मुसाफिर हैं आदमी: अहं किस बात की ?

मुसाफिर हैं आदमी: अहं किस बात की ?

मुसाफिर हैं आदमी: अहं किस बात की ? ************ न कोई हैसियत अपनी,न स्थायी मकान, जिंदा हैं जब तलक,तभी तक है पहचान। ढ़ाई किलो का था,जब तू आया था यहां, बस उतना ही रह जाओगे,जब जाओगे वहां। विश्वास न हो तो उठा लाना! राख के उस ढ़ेर को- जो चिता की अग्नि में जल कर…

ए दिल सुन जरा

ए दिल सुन जरा

ए दिल सुन जरा   1 उसकी यादों में दिन कटता उसके ख़्वाबों में रातें कटती ए दिल सुन जरा तू भूल जा उसको ज़रा 2 जो तेरा नहीं हुआ है उसको क्या याद करना भला ए दिल सुन ज़रा तू भूल जा उसको ज़रा 3 किया था वादा उसनें साथ निभाने का कभी और…

आज उसकी चले हम गली छोड़कर

आज उसकी चले हम गली छोड़कर

आज उसकी चले हम गली छोड़कर     आज उसकी चले हम गली छोड़कर नफ़रतें उसकी वो दोस्ती छोड़कर   चैन दिल को मिलेगी बहुत तेरे ही देख तू दोस्त ये मयकशी छोड़कर   दोस्ती प्यार का होगा अहसास वो देख दिल से अपनें दुश्मनी छोड़कर   प्यार के गुल उगाये आंगन में हमने दीवारें…

तुमसा बेवफा जमाने में नहीं

तुमसा बेवफा जमाने में नहीं

तुमसा बेवफा जमाने में नहीं   जब भी छेडा किस्सा वो पुराना, प्रेम से मैं महीनों सो ना न पाई चैन से मेरा दिल बेचैन था उस अनजानी सी टीस से  मैं महीनों सो ना पाई चैन से तुमतो मुडकर खो गए अपनी दुनियाँ में कहीं तेरी आहट से धड़कता दिल रहा मैं वहीं से…

मुश्किलों का न डर फिर रहेगा यहां

मुश्किलों का न डर फिर रहेगा यहां

मुश्किलों का न डर फिर रहेगा यहां   मुश्किलों का न डर फिर रहेगा यहां।। सामना होश से ग़र करेगा यहां।।   चैन पाते नहीं जिंदगी में कभी। वैर जिनके दिलों में पलेगा यहां।।   मौज बेशक मना लो भले लूट से। ज़र न ज्यादा दिनों वो टिकेगा यहां।।   दिल कभी भी किसी का…

नहीं फूलों भरा आंगन रहा है

नहीं फूलों भरा आंगन रहा है

नहीं फूलों भरा आंगन रहा है     नहीं फूलों भरा आंगन रहा है यहां सूखा यारों सावन रहा है   ख़ुशी के फूलों से दामन भरा कब ग़मों से ही भरा दामन रहा है   मिली मंजिल नहीं राहें वफ़ा की परेशां हर घड़ी बस मन रहा है   खिले खुशियों कें जीवन में…

खरगोश की खरीददारी

खरगोश की खरीददारी

खरगोश की खरीददारी ******* लाए बाजार से शशक दो रखा नाम काॅटन और स्नो। व्यय किए रुपए अर्द्ध सहस्र, बच्चे दोनों से खेलने में हैं व्यस्त। परेशान किए थे सप्ताह भर से, रट लगाए थे- पापा ला दो न झट से। बाजार नहीं है इसका यहां, भटका सप्ताह भर जहां तहां। यीष्ट मित्रों को फोन…

नज़र का तीर जब निकला यहां तेरी कमानी से

नज़र का तीर जब निकला यहां तेरी कमानी से

नज़र का तीर जब निकला यहां तेरी कमानी से     नज़र का तीर जब निकला यहां तेरी कमानी से। हज़ारों हाथ धो बैठे जहां में जिंदगानी से।।   बहुत सोचा लगा हमको ख़ता तेरी नहीं कोई। शिकायत है हमें ज़ालिम तेरी कातिल जवानी से।।   किया घायल सदा तूने अदाओं से हमें अपनी। हुआ…

उसको तो ज़रा भी दिल में ही प्यार नहीं है

उसको तो ज़रा भी दिल में ही प्यार नहीं है

उसको तो ज़रा भी दिल में ही प्यार नहीं है     उसको तो ज़रा भी दिल में ही प्यार नहीं है मैं सच कहूँ होठों पे ही  इक़रार नहीं है   आ दोस्त गले से ज़रा लग जा तू आकर अब राहों में खड़ी नफ़रत की दीवार नहीं है   हाँ छोड़ नगर इसलिए…

सबकी इच्छा पूर्ति मुश्किल है

सबकी इच्छा पूर्ति मुश्किल है

सबकी इच्छा पूर्ति मुश्किल है ******** बढ़ती चाहतों ने जिंदगी को दुश्वारियों से भर दिया है बहुत कुछ किया है बहुत कुछ दिया है पर सुनने को बस यही मिला है! क्या किया है? क्या किया है? सुन आत्मा तक रो दिया है, बेचैन हो- आसमां से अर्ज किया है। कुछ और नेमतों से नवाज़…