कर गया है और मुझसे एक वादा आज फ़िर
कर गया है और मुझसे एक वादा आज फ़िर कर गया है और मुझसे एक वादा आज फ़िर दे गया है मुझे ए दोस्त धोखा आज फ़िर तोड़कर दिल को गया था प्यार में जो कभी आ गया है सामने मेरे वो चेहरा आज फ़िर रिश्ते में ख़ुशबू वफ़ाओ की नहीं…
कर गया है और मुझसे एक वादा आज फ़िर कर गया है और मुझसे एक वादा आज फ़िर दे गया है मुझे ए दोस्त धोखा आज फ़िर तोड़कर दिल को गया था प्यार में जो कभी आ गया है सामने मेरे वो चेहरा आज फ़िर रिश्ते में ख़ुशबू वफ़ाओ की नहीं…
करोगे प्यार दुनिया में, सभी तुझको सताएंगे करोगे प्यार दुनिया में, सभी तुझको सताएंगे। वफ़ा के नाम पर धौखे, यहां तुझको खिलाएगे।। खुशी की चाह में अक्सर, ग़मों से सामना होगा। भरी कांटो की राहों में, कदम तुझको ले जाएगे।। रहोगे तुम सदा बनके, दिवानों की तरह जग में।। ग़मों के …
कर गया है वो बेआबरु आज फ़िर कर गया है वो बेआबरु आज फ़िर! प्यार की जब की है गुफ़्तगू आज फ़िर देखकर मोड़ लेता था चेहरा अपना हो गया वो चेहरा रु -ब -रु आज फ़िर भूलकर दर्द ग़म जिंदगी के सभी कर रहा हूँ ख़ुशी जुस्तजू आज फ़िर …
वफा के नाम पे धोखे जहां में जो भी खाते है वफा के नाम पे धोखे जहां में जो भी खाते है। निगाहों में सदा आंसू दिलों में दर्द पाते है।। खुशी से फिर नहीं मिलते जमाने में किसी से वो। हँसेगे लोग सारे ही गमों को यूं छुपाते है।। पुकारो…
याद आता है सर्दी की गुनगुनी धूप में वो तेरा पार्क में बैठ तेरा अपनी आँखों से मुझे अनिमेष तकना और मेरा हाथ थामना याद आता है…… तुम्हारा मेरी हथेलियों में अपना हाथ थमा देना अपनी उंगलियों को मेरी उंगलियों में उलझा देना और फ़िर धीरे धीरे अपनी उंगलियों से मेरी हथेली पर…
करवा चौथ ( Hindi poem On karwa chauth ) चाँद का कर लूं सनम दीदार मैं प्यार से जो बंधा करवा चौथ है उसकी चूड़ी उसकी देखो बिंदिया मुस्कुराती सूरत करवा चौथ है हो गया दीदार अपनें चाँद का प्यार का आया वो करवा चौथ है सज गयी है चाँद की …
पढ़ें लिखे मुख्यमंत्री का फायदा ******** जनता का देश का है फायदा ही फायदा जो पुल सड़क निर्माण में करोड़ों है बचाया वादा जो किया निभाया आम आदमी में एक उम्मीद जगाया बेटा बन बुजुर्गो का रखा ख्याल पहुंचाया घर राशन हर हाल जो कहे सो करे! जनता के लिए सड़क पर भी आ लड़े…
सितम जब वो मेरे सह गयी सितम जब वो मेरे सह गयी बात सीधे जिगर तक गयी।। दूसरों से गिला कुछ नहीं, मुझको अपनी नज़र लग गयी।। इश्क करने चला था मगर, बात ख्वाबों में ही रह गयी।। आंसू सम्भले नहीं बह गये, जाने धीरे से क्या कह गयी।। हमने रोका बहुत न…