शटर उठा दो | Kavita
शटर उठा दो ( Shatar utha do ) मेरे ख्याल रूपी ब्रेड पे बटर लगा दो। दिल का बन्द है दुकान तुम शटर उठा दो। मिला के नयन नयनों से यू आँखे चार कर लो। पनीर तल के रखा है कि तुम मटर मिला दो। पुलाव बन रही ख्यालों में थाली लगा…
शटर उठा दो ( Shatar utha do ) मेरे ख्याल रूपी ब्रेड पे बटर लगा दो। दिल का बन्द है दुकान तुम शटर उठा दो। मिला के नयन नयनों से यू आँखे चार कर लो। पनीर तल के रखा है कि तुम मटर मिला दो। पुलाव बन रही ख्यालों में थाली लगा…
पुत्री की वेदना शराबी पिता से ( Putri ki vedna sharabi pita se ) पापा मेरी किताब , मेरे अरमान है, मेरी खुशी है, मेरा भविष्य है, सब बेच मेरी खुशियों का शराब पी गए, पापा मां का मंगलसूत्र सुहाग है मांग का सिंदूर है, सब बेच उनके अरमानों का …
संसय ( Sansay ) मन को बाँध दो दाता मेरे,मेरा मन चंचल हो जाता है। ज्ञान ध्यान से भटक रहा मन,मोह जाल मे फंस जाता है। साध्य असाध्य हो रहा ऐसे, मुझे प्रेम विवश कर देता है। बचना चाहूं मैं माया से पर, वो मुझे खींच के ले जाता है। वश में…
बंधु अपने दिल की सुन ( Bandhu apne dil ki soon ) चल राही तू रस्ता चुन, बंधु अपने दिल की सुन। बंधु अपने दिल की सुन,बंधु अपने दिल की सुन। अपनी धुन में बढ़ता जा, उन्नति शिखर चढ़ता जा। आंधी से तूफानों से, हर मुश्किल से लड़ता जा। हौसला करके बुलंद, गा मस्ती…
प्रतिशोध ( Pratishodh ) मै हार नही सकता फिर ये, जंग जीत दिखलाऊंगा। फिर से विजयी बनकर के भगवा,ध्वंजा गगन लहराऊगा। मस्तक पर चमकेगा फिर सें, चन्दन सुवर्णा दमकांऊगा। मै सागर जल तट छोड़ चुका पर,पुनः लौट कर आऊँगा। जी जिष्णु सा सामर्थवान बन, कुरूक्षेत्र में लौटूंगा। मैं मरा नही हूँ अन्तर्मन…
बरस बरस मेघ राजा ( Baras baras megh raja ) मेघ राजा बेगो आजा, बरस झड़ी लगा जा। सावन सुहानो आयो, हरियाली छाई रे। अंबर बदरा छाये, उमड़ घुमड़ आये। झूल रही गोरी झूला, बागा मस्ती छाई रे। रिमझिम रिमझिम, टिप टिप रिमझिम। बिरखा फुहार प्यारी, तन मन भाई रे। ठंडी…
आयी देखो फुहार सावन की ( Aayi dekho phuhaar sawan ki ) आयी देखो फुहार सावन की ! खिल रही है बहार सावन की बूंदों में सरगम उल्फ़त की ऐसी दिल करे बेक़रार सावन की प्यास तन की जाने बुझेगी कब कर रहा इंतिजार सावन की गीत गाये ग़ज़ल यादों…
फिजाओं में जहर घोला जा रहा है ( Fizaon mein jahar ghola ja raha hai ) हवाओं में जहर घोला जा रहा है जंगलों को जड़ से काटा जा रहा है शहरों में ऑक्सीजन है नहीं फिर भी आलीशां महल बनाया जा रहा है। हम भला इंसाफ अब क्या करेंगे लगा के…
सशक्त बनो हे नारी तुम ( Sashakt bano he nari tum ) उठो नारी आंसू पौंछो खुद की कीमत पहचानो लाज का घूंघट ढाल बना लो अहंकार का तिलक लगा लो स्वाभिमान की तान के चादर खुद में खुद को सुदृढ बना लो उठो नारी आंसू पौंछो खुद की कीमत पहचानो ?☘️ अपनी शक्ति…
मेघा ( Megha ) बरस रे टूट कर मेघा, हृदय की गाद बह जाए। सूक्ष्म से जो दरारे है, गाद बह साफ हो जाए। बरस इतना तपन तन मन का मेरे शान्त हो जाए, नये रंग रुप यौवन सब निखर कर सामने आए। दिलों पे जम गयी है गर्द जो, उसको बहा देना।…