भटकता मन

भटकता मन | Kavita

भटकता मन ( Bhatakta man )   भटकते मन में मेरे आज भी, कुछ आस जिन्दा है। भरा  है  चाहतों  से  शेर मन पर, प्यास जिन्दा है।   उसी  को  टूट  कर चाहा, खुदी को ही भुला करके, अधुरी चाहतों का अब भी कुछ,एहसास जिन्दा है।   किसी को चाहना और वो मिले, ये सच…

नज़रों का सच

नज़रों का सच | Kavita

नज़रों का सच ( Nazron Ka Sach )   देखती  है  जो  नज़रे वो होता नहीं, चाहती है जो नज़रे वो दिखता नहीं। मन को छू जाए जज़्बात होंठो पे हो, आसूं बनके बहे मानता मन नहीं ।।   भीड़  को  देखा  राहों  पे बढ़ते हुए, दे  के  धक्का  बगल  में संभलते हुए। आंख  में …

रामनवमी

रामनवमी | Kavita

रामनवमी ( Ram Navami )   ( 2 ) हाथी घोड़े ऊंट सज रहे रामनाम की जय जयकार रामनवमी पर्व सनातन खुशियों भरा आया त्योहार केशरिया ध्वज लहराये गूंज रहा है नारा श्रीराम हर हर महादेव स्वर गूंजे रामनाम बस राम ही राम झूम रहे हैं राम राम में राम सिवा नहीं कोई काम नगर…

श्रीराम नाम-वंदना

श्रीराम नाम-वंदना | Kavita

श्रीराम नाम-वंदना ( Shri Ram Naam Vandana )   राम-नाम आनंद सुख मूल। परमशांति साधक पा जाए जपत मिटे जीवन-पथ शूल।।   घायल जटायु जपते-जपते पा गए मुनि दुर्लभ हरि धाम। पश्चाताप में जलते भरत को इसी नाम से मिला विश्राम।।   जी रही थी इसी सहारे राम मिलन को शबरी गंवार। नाम-मग्न सुतिक्ष्ण को…

राम नवमी

Kavita | राम नवमी

राम नवमी ( Ram Navami )   भक्तवत्सल सत्य अविरल भूमिजा सुखधाम आये। अयोध्या में राम आये,अयोध्या में राम आये।। थी धरा सहमी हुयी बहु पापियों के पाप से, हे प्रभू आकर बचालो इस विकट संताप से, त्रास अवनी की मिटाने संतप्रिय श्रीधाम आये।। अयोध्या में राम ०।। नवमी तिथि नखत पुनर्वसु शुक्ल पक्ष विचार…

नींद

Kavita | नींद

नींद ( Neend )   आंधी  आई काले बादल घिर  घिर कर आने लगे कहर कोरोना बरस पड़ा खतरों के मेघ मंडराने लगे     रह रह कर डर सता रहा आंखों की नींद उड़ाने को यह कैसी लहर चल पड़ी कैसा  मंजर  दिखाने को     सड़कों पर सन्नाटा छाया नींद  हराम  हुई सबकी…

जय मां कालरात्रि

Kavita | जय मां कालरात्रि

जय मां कालरात्रि ( Jay Maa Kalratri )   कालरात्रि रूप में करती मां दुष्टों का संहार विकराल रूप माता का दैविक शक्ति अपार   खड्ग खप्पर हाथ में ले त्रिशूल भाला शमशीर रक्तबीज  संहारिणी  हरति जन जन की पीर   कालरात्रि  कालीका  रणचंडी  शक्ति रूप साधक पर करती कृपा धरकर रूप अनूप   प्रेत…

लहर कोरोना की

Kavita | लहर कोरोना की

लहर कोरोना की ( Lahar Corona Ki )   सूनी गलियां सूनी सड़कां सुनो सब व्यापार है गाइडलाइन रो पालण कारणों सौ बाता रो सार है   कवै डागदर बचकर रहणो भीषण ई बीमारी सूं मौत को तांडव छारयो है कोरोना महामारी सूं   दूरी राखो आपस म मुंह पर मास्क जरूरी है प्रशासन सचेत…

तेरा दर मुझे लागे प्यारा

Kavita | तेरा दर मुझे लागे प्यारा

तेरा दर मुझे लागे प्यारा ( Tera dar mujhe lage pyara )   दीन दुखियों को तेरा सहारा सजा   मां  दरबार  तुम्हारा सबकी  झोली  भरने  वाली तेरा  दर  मुझे  लागे   प्यारा   विघ्न हरणी मंगल करणी हे सुखदाता कष्ट निवारा यश कीर्ति वैभव की दाता तेरा  दर  मुझे  लागे प्यारा   सिंह पर हो सवार…

चुनाव क्यों न टले

Kavita Neta Ji | चुनाव क्यों न टले नेता जी कहें

चुनाव क्यों न टले : नेता जी कहें ( Chunav Kyon Na Tale : Neta JI Kahen )   एक महीने का भाग दौड़, पांच साल मौज ही मौज। लूटो कूटो जनता पर टूटो, दाना दुनका कभी कभार छींटों। चढ़ें हवाई जहाज ठहरें होटल ताज है अपना तो राज ही राज! गाड़ियों की है लंबी…