चुनाव क्यों न टले
चुनाव क्यों न टले

चुनाव क्यों न टले : नेता जी कहें

( Chunav Kyon Na Tale : Neta JI Kahen )

 

एक महीने का भाग दौड़,
पांच साल मौज ही मौज।
लूटो कूटो जनता पर टूटो,
दाना दुनका कभी कभार छींटों।
चढ़ें हवाई जहाज
ठहरें होटल ताज
है अपना तो राज ही राज!
गाड़ियों की है लंबी कतार,
आगे पीछे चमचे हजार;
फुल हैं पेंशन और पगार।
बेचारे मालिक ( जनता ) रहें सदैव लाचार,
ये सिस्टम अपना है अपने लिए यार।
चुनाव रूकना नहीं चाहिए,
काफिला रूकना नहीं चाहिए;
रैली होती रहे हजार,
कोरोना से कुछ नहीं होता?
सब कुछ होता कुर्सी से,
डेट भी ना हो आगे पीछे।
कुर्सी नजरों से ना हो ओझल
कह नेता जी हो गए विह्वल
जय नेता जय चुनाव
जनता देश चाहे भाड़ में जाओ।

नवाब मंजूर

लेखकमो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर

सलेमपुर, छपरा, बिहार ।

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