तेरा दर मुझे लागे प्यारा

Kavita | तेरा दर मुझे लागे प्यारा

तेरा दर मुझे लागे प्यारा

( Tera dar mujhe lage pyara )

 

दीन दुखियों को तेरा सहारा
सजा   मां  दरबार  तुम्हारा
सबकी  झोली  भरने  वाली
तेरा  दर  मुझे  लागे   प्यारा

 

विघ्न हरणी मंगल करणी
हे सुखदाता कष्ट निवारा
यश कीर्ति वैभव की दाता
तेरा  दर  मुझे  लागे प्यारा

 

सिंह पर हो सवार भवानी
चमकाती किस्मत का तारा
बिगड़े  सारे  काम  बना दे
तेरा  दर  मुझे  लागे प्यारा

 

घट घट में आलोक भरो मां
प्रेम   की   बहा   दो   धारा
तेरी  शरण  आया हे जननी
तेरा   दर  मुझे  लागे  प्यारा

 

रणचंडी तुम महाकाली
दुर्गा अष्ट भुजाओं वाली
रक्तबीज तुझसे ही हारा
तेरा दर मुझे लागे प्यारा

 

सर्व मंत्रमयी चितरूपा
शक्ति स्वरूपा अहंकारा
सफल करो मात साधना
तेरा दर मुझे लागे प्यारा

 

?

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

Kavita Kagaz ki Kashti | कागज की कश्ती

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *