रामनवमी

रामनवमी | Kavita

रामनवमी

( Ram Navami )

 

( 2 )

हाथी घोड़े ऊंट सज रहे रामनाम की जय जयकार
रामनवमी पर्व सनातन खुशियों भरा आया त्योहार

केशरिया ध्वज लहराये गूंज रहा है नारा श्रीराम
हर हर महादेव स्वर गूंजे रामनाम बस राम ही राम

झूम रहे हैं राम राम में राम सिवा नहीं कोई काम
नगर सजे सुंदर प्यारे आए राम अवध के धाम

साधु संत मुनिजन आए सत्य सनातन जय श्रीराम
जन्मदिन आराध्य हमारे घट घट वासी है प्रभु राम

शंख नगाड़े ढोल बज रहे गूंज रही शहनाई तान
मुरली मजीरा इकतारा भी गा रहे राम गुणगान

जनसमूह उमड़ा आता राम राम जय जय श्रीराम
मनाये महोत्सव मिलकर राममय हुआ शहर गांव

पगडंडी से राम की झांकी गली-गली छवि राम की
हर सड़क चौराहों से निकले झांकी प्रभु राम की

श्री राम की धूम मची होठों पर बस राम ही राम
जन आस्था प्रेम उमड़े सब नाच रहे हो निष्काम

सज रहा सारा देश हमारा सज गई अयोध्या सारी
जन्मे राम प्रभु हमारे रामनवमी लाई खुशियां भारी

( 1 )

कौशल्या  के  राज  दुलारे
जन जन की आंखों के तारे
तिलक करेंगे लेकर चंदन
जग की पीर हरो रघुनंदन

आज अवध में आप पधारें
चमक उठे किस्मत के तारे
दशरथ  नंदन  हे राजाराम
आराध्य प्रभु जन सुखधाम

रघुपति राघव हे करुणाकर
विपदा हरो प्रभु अब आकर
धनुष बाण लेकर आ जाओ
अंधकार  में  आप दिवाकर

विकट समय है पार लगाओ
मंझधार   में   डूबी   नैया
भक्त खड़े करते सब वंदन
जग की भीर हरो रघुनंदन

दीनदयाल दया के सागर
तेरी  लीला  है  अपरंपार
महामारी अब पांव पसारे
सुरसा सी कर रही विस्तार

दीन दुखी सब शरण आपकी
कृपा  करो  हे  दया निधान
त्राहि-त्राहि  का  फैला क्रंदन
जग  की  पीर हरो रघुनंदन

असुरों  को  प्रभु  ने संंहारा
रावण अहिरावण को मारा
राम दुलारा हनुमत प्यारा
दुष्टों  को भवसागर तारा

राम नाम से पत्थर तिर जाते
सुमिरन से नर सब सुख पाते
रट रट नाम सब करते वंदन
जग  की  पीर हरो रघुनंदन

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

आंचल की छांव | Kavita Aanchal ki Chhaon

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *