कोरोना काल का पक्ष एक और!

कोरोना काल का पक्ष एक और | Kavita

कोरोना काल का पक्ष एक और! ( Corona Kal Ka Pach Ek Or )   जरा सोचें समझें कैसा है यह दौर? भविष्य हमारा किधर जा रहा है? देखो कोई चांद पर मंगल पर बस्तियां- बसा रहा है! उधर हम देख सोच भी नहीं पा रहे हैं हम अनजाने डर से डरे जा रहे हैं…

He nath bacha lo

हे नाथ बचा लो | Kavita

हे नाथ बचा लो ( He nath bacha lo )   जग के सारे नर नारी रट रहे माधव मुरलीधारी यशोदा नंदन आ जाओ मोहन प्यारे बनवारी   चक्र सुदर्शन लेकर प्रभु नियति चक्र संभालो कहर कोरोना बरस रहा आकर नाथ बचा लो   उठा अंगुली पर गोवर्धन बचा लिया गोकुल को हर लो पीर…

यादें

यादें | Kavita

यादें ( Yaaden ) जाती है तो जाने दों,यह कह नही पाया। नयनों के बाँध तोड़ के, मैं रो नही पाया। वर्षो गुजर गए मगर, तू याद है मुझको, मै भूल गया तुमको, ये कह नही पाया।   दिल का गुबार निकला तो,शब्दों में जड दिया। तुम जैसी थी इस दिल में तुझे,वैसा गढ़ दिया।…

उम्मीदों का साथ ना छोड़ो

Ummeed Shayari in Hindi | उम्मीदों का साथ ना छोड़ो

उम्मीदों का साथ ना छोड़ो ( Umeedon ka sath na chhodo )   कैसी  लहर  दुबारा  आई काली रात अमावस छाई महामारी ये कहर कोरोना संघर्ष में ना धीरज खोना   दिल खोलो दिलदार बनो सब फौलादी हथियार बनो अब आज लड़ना महामारी से एक भयानक बीमारी से   अभाग्य  का  भांडा  फोड़ो उम्मीदों का…

ऐसा कौन करता है

ऐसा कौन करता है | Kavita

ऐसा कौन करता है? ( Aisa kon karta hai )   तीव्र ज्वर में, भीषण दर्द में। घर में घर पर ही- जो कोई अपना पुकारे, क्या छोड़ देंगे उसे ईश्वर के सहारे? पीड़ा से भरा वह चीख रहा था, नजरों से अपनों को ढ़ूंढ़ रहा था। सभी थे पास, फर्क ना पड़ रहा था…

आजमाया करें

आजमाया करें | Kavita

आजमाया करें ( Aajmaya Karen )   बेवजह बात को ना बढाया करे, मुझसे जब भी मिले मुस्कुराया करे। सारी दुनिया के रंजो व गम भूल कर, दो घडी आँख मुझसे मिलाया करे।   आरजू जो दबी सी सनम दिल में है, आप मुझसे कभी ना छुपाया करे। आइने सा ये चेहरा मेरा है सनम,…

भटकता मन

भटकता मन | Kavita

भटकता मन ( Bhatakta man )   भटकते मन में मेरे आज भी, कुछ आस जिन्दा है। भरा  है  चाहतों  से  शेर मन पर, प्यास जिन्दा है।   उसी  को  टूट  कर चाहा, खुदी को ही भुला करके, अधुरी चाहतों का अब भी कुछ,एहसास जिन्दा है।   किसी को चाहना और वो मिले, ये सच…

नींद

Kavita | नींद

नींद ( Neend )   आंधी  आई काले बादल घिर  घिर कर आने लगे कहर कोरोना बरस पड़ा खतरों के मेघ मंडराने लगे     रह रह कर डर सता रहा आंखों की नींद उड़ाने को यह कैसी लहर चल पड़ी कैसा  मंजर  दिखाने को     सड़कों पर सन्नाटा छाया नींद  हराम  हुई सबकी…

जय मां कालरात्रि

Kavita | जय मां कालरात्रि

जय मां कालरात्रि ( Jay Maa Kalratri )   कालरात्रि रूप में करती मां दुष्टों का संहार विकराल रूप माता का दैविक शक्ति अपार   खड्ग खप्पर हाथ में ले त्रिशूल भाला शमशीर रक्तबीज  संहारिणी  हरति जन जन की पीर   कालरात्रि  कालीका  रणचंडी  शक्ति रूप साधक पर करती कृपा धरकर रूप अनूप   प्रेत…

लहर कोरोना की

Kavita | लहर कोरोना की

लहर कोरोना की ( Lahar Corona Ki )   सूनी गलियां सूनी सड़कां सुनो सब व्यापार है गाइडलाइन रो पालण कारणों सौ बाता रो सार है   कवै डागदर बचकर रहणो भीषण ई बीमारी सूं मौत को तांडव छारयो है कोरोना महामारी सूं   दूरी राखो आपस म मुंह पर मास्क जरूरी है प्रशासन सचेत…