चेहरा गुलाब जैसा है | Ghazal
चेहरा गुलाब जैसा है ( Chehra gulab jaisa hai ) मुस्कुराते हुए लब और चेहरा गुलाब जैसा है अब तो वो मेरे लिए बस इक ख्वाब जैसा है काबीलियत नहीं मेरी शायद जिसे पाने की जिंदगी में मेरे लिए वह उस खिताब जैसा है मेरा वजूद मुनव्वर है आज भी उसके दम…