khushboo phoolon se

उठ रही ख़ुशबू फ़ूलों से ख़ूब है | Ghazal

उठ रही ख़ुशबू फ़ूलों से ख़ूब है ( Uth rahi khushboo phoolon se khoob hai )   उठ रही ख़ुशबू फ़ूलों से ख़ूब है बस रहा कोई सांसों में ख़ूब है   देखते  है कर लिए उसपे यकीं धोखा उसके हर वादों में ख़ूब है   किस तरह मिलनें उसी से मैं जाऊं हाँ लगा…

Khwab ghazal

ख़्वाबों का तेरी सदा पहरा रहा | Khwab ghazal

ख़्वाबों का तेरी सदा पहरा रहा ( Khwabon ka teri sada pahara raha )   ख़्वाबों का तेरी सदा पहरा रहा सिलसिला नींदो में ही चलता रहा   दूर तुझसे हम चले जाये कहीं हम मिलेंगे तुझसे ये वादा रहा   तन्हा होने का लगे अहसास नहीं जिंदगी भर तू यूँ ही मिलता रहा  …

जिंदगी में नहीं मतलबी चाहिए

Ghazal | जिंदगी में नहीं मतलबी चाहिए

जिंदगी में नहीं मतलबी चाहिए ! ( Jindagi mein nahi matalabi chahie )   जिंदगी में नहीं मतलबी चाहिए ! इक वफ़ा की मगर दोस्ती चाहिए    जिंदगी अब ग़मों में बहुत जी ली है ऐ ख़ुदा उम्रभर अब ख़ुशी चाहिए उम्रभर के लिये हो वफ़ाये भरी जिंदगी में रब वो आशिक़ी चाहिए   नफ़रतों…

बेमोल ही जो न बिके होते

बेमोल ही जो न बिके होते | Ghazal

बेमोल ही जो न बिके होते ( Bemol hi jo na bike hote )   बेमोल ही जो न बिके होते , हम महोब्बत में तुम्हारी और ही तरजीह  मिली होती , शायद हमें नज़रों में तुम्हारी दिल की शाख पर खिला था जो इक  फूल कभी रंग-ए-लहू तो था हमारा , मगर खुश्बू लिये…

मत होना तू कभी भी जुदा साहिबा

मत होना तू कभी भी जुदा साहिबा | Shayari to impress crush

मत होना तू कभी भी जुदा साहिबा ( Mat hona tu kabhi bhi juda sahiba )     मत होना तू कभी भी जुदा साहिबा ! तू मेरे साथ  रहना सदा साहिबा   तू नहीं करना मुझसे दग़ा प्यार में जिंदगी भर  निभाना वफ़ा साहिबा   बेवफ़ाई से भरना नहीं दिल कभी उम्रभर रहना तू…

ख़्वाब में आकर सताये ख़ूब कोई

Ghazal | ख़्वाब में आकर सताये ख़ूब कोई

ख़्वाब में आकर सताये ख़ूब कोई ( Khwab mein aakar sataye khoob koi )     ख़्वाब  में  आकर  सताये  ख़ूब  कोई नीद  से  इतना  जगाये  ख़ूब  कोई   नफ़रत की सुनली जुबां मैंनें बहुत है गीत उल्फ़त के  सुनाये  ख़ूब कोई   प्यासा हूँ मैं तो मुहब्बत का बरसो से प्यास उल्फ़त की बुझाये…

आ गुलिस्तां में मिलनें को आज तू फ़िर

Ghazal | आ गुलिस्तां में मिलनें को आज तू फ़िर

आ गुलिस्तां में मिलनें को आज तू फ़िर ( Aa gulistan mein milne ko aaj too fir )   आ गुलिस्तां में मिलनें को आज तू फ़िर आ करे दोनों उल्फ़त की गुफ़्तगू फ़िर   प्यार की नजरें निहारुं आज तुझको आ बैठे इक दूसरे के रु -ब -रु फ़िर   ये निगाहों पे असर…

Wo to uda hansi

Ghazal | वो तो उड़ा हंसी चेहरे से हिजाब शायद

वो तो उड़ा हंसी चेहरे से हिजाब शायद ( Wo to uda hansi chehre se hijab shayad ) वो तो उड़ा हंसी चेहरे से हिजाब शायद ऐसा लगा जैसे निकला आफ़ताब शायद   मैं समझा खिल गये है वो  फ़ूलों की बहारे महका था उस हंसी का ही वो शबाब शायद   वो फ़ोन आजकल…

साहिल- तेरे लिए

साहिल- तेरे लिए | Hindi Ghazal

साहिल- तेरे लिए ( Sahil- tere liye )   मन के अरमान मेरे बहकने लगे, तुम चले आओ अब मेरे आगोश में।   बिन तुम्हारे है सूनी, प्रणय वाटिका, रिक्तता सी है मेरे प्रणय कोश में।।   तुम मिले मुझको जब, मैं दिवानी हुई, जो मेरे पास था छोड़ कर आ गई।   प्रीत बाबुल…

महक तेरी मुहब्बत की

महक तेरी मुहब्बत की | Ghazal

महक तेरी मुहब्बत की ( Mehak teri muhabbat ki )   इत्र क्या,  गुलाब क्या ,  खुशबु कैसी, कहां महक है इस जहान मे , तेरी जैसी   खुदा की खोज मे शीश झुकाया दर दर, कहां है पूजा कोई, तेरे आचमन जैसी   होंगे कई तेरे चाहने वाले, समझ है मुझको, ना  कही  होगी, …