समझें गर जो दोस्ती दुश्मनी नहीं होती

समझें गर जो दोस्ती दुश्मनी नहीं होती

समझें गर जो दोस्ती दुश्मनी नहीं होती ( Samajhen gar jo dosti dushmani nahi hoti )   समझें गर जो दोस्ती दुश्मनी नहीं होती! मुहब्बत  के ही बिना जिंदगी नहीं होती   करे  चुगली  हर  घड़ी जो सदा आपकी  ही उसको जीवन में  कभी फ़िर ख़ुशी नहीं होती   ख़िलाफ़ वो गर न होता अपना…

हाँ खायी जीस्त में ठोकर बहुत है

हाँ खायी जीस्त में ठोकर बहुत है | Sad Shayari

हाँ खायी जीस्त में ठोकर बहुत है ( Haan khayi jeest mein thokar bahut hai )   हाँ खायी  जीस्त में ठोकर बहुत है जिग़र पे इसलिए  नश्तर बहुत है   मुहब्बत का अपनें ने कब दिया गुल नफ़रत के ही मारे पत्थर बहुत है !   किसी को प्यार क्या  देगे भला वो  मुहब्बत…

जिंदगी रोज़

जिंदगी रोज़ ग़म ने ही सतायी ख़ूब है | Ghazal

जिंदगी रोज़ ग़म ने ही सतायी ख़ूब है ( Zindagi roz gham ne hi satayi khoob hai )   जिंदगी  रोज़  ग़म  ने  ही  सतायी ख़ूब है! हाँ ख़ुशी के ही लिये बस आँखें रोयी ख़ूब है   प्यार के पत्थर मारे है नफ़रत वालों पे मैंनें नफ़रतों  की आज दीवारें गिरायी ख़ूब है  …

कभी अपनों ने ही समझा नहीं है

कभी अपनों ने ही समझा नहीं है | Udasi Bhari Shayari

कभी अपनों ने ही समझा नहीं है ( Kabhi apno ne hi samjha nahin hai )   कभी अपनों ने ही समझा नहीं है ! दिल उनसे इसलिए अब मिलता नहीं है   गली में इसलिए छाया अंधेरा कभी तक चाँद वो  निकला नहीं है   मुहब्बत की क्या होती गुफ़्तगू फ़िर कभी वो  पास…

कैसे ए आज़म कहूँ अपना भला

कैसे ए आज़म कहूँ अपना भला | Ghazal

कैसे ए आज़म कहूँ अपना भला! ( Kaise E Aazam Kahun Apna Bhala )     कैसे ए आज़म कहूँ अपना भला! जब यकीं में वो दग़ा करता भला   कहता है जब दोस्त हूँ सच्चा तेरा क्यों दिखाता ग़ैर  वो चेहरा भला   एक क़ातिल है वफ़ाओ का मेरी शक्ल से  ही जो मगर…

मेरा दिल रो पड़ा देखते देखते

मेरा दिल रो पड़ा देखते देखते | Udasi shayari

मेरा दिल रो पड़ा देखते देखते ( Mera Dil Ro Para Dekhte Dekhte )   मेरा दिल रो पड़ा देखते देखते वो जुदा जब हुआ देखते देखते   कह सका बात दिल की नहीं उससे कुछ वो  जुदा  हो  गया  देखते  देखते   खा गया हूँ ठोकर पत्थर से नफ़रत की राह  मैं  तो  चला …

आज अपना हबीब है देखा

आज अपना हबीब है देखा | Ghazal

आज अपना हबीब है देखा ( Aaj apna habib hai dekha )   आज  अपना  हबीब  है देखा पास किसी के करीब है देखा   मत कर इतना गरूर ख़ुद पे तू हाँ  बिगड़ते  नसीब  है  देखा   बोलते हक़ में सच के मैंनें तो आज मैंनें रकीब है देखा   है परेशां यहां तो…

उम्र भर के लिए अजनबी हो गये

Judai Shayari | उम्र भर के लिए अजनबी हो गये

  उम्र भर के लिए अजनबी हो गये ( Umar bhar ke liye ajnabi ho gaye )     उम्रभर  के  लिए अजनबी हो गये! हम जुदा जीवन भर ऐसे की हो गये   मैं देखूँ चैन उसको नहीं मिलता है वो मेरे दिल के ही दिलकशी हो गये   बजते है साज उल्फ़त के…

प्यार में आज़म कब वो वफ़ा दें गया

Udashi Bhari Shayari | प्यार में आज़म कब वो वफ़ा दें गया

प्यार में आज़म कब वो वफ़ा दें गया ( Pyar Me Azam Kab Wo Wafa De Gaya )   प्यार में आज़म कब वो वफ़ा दें गया इस क़दर प्यार में वो दग़ा दें गया   प्यार के ही बढ़ाएं क़दम थें जिसनें हर क़दम पे वो अब फ़ासिला दें गया   तोड़कर वो सगाई…

दिल से ही रोज़ आहें निकलती रही

Sad Ghazal | दिल से ही रोज़ आहें निकलती रही

दिल से ही रोज़ आहें निकलती रही ( Dil se hi roz aah nikalti rahi )   दिल से ही रोज़ आहें निकलती रही! जीस्त यादों में उसकी गुजरती रही   कब मिला है ठिकाना ख़ुशी का कोई जिंदगी  रोज़  ग़म  में भटकती रही   डूब रही है ये  बेरोजगारी में ही जिंदगी कब यहां…