वह बचपन की याद पुरानी

Kavita | वह बचपन की याद पुरानी

वह बचपन की याद पुरानी ( Woh bachpan ki yaad purani ) दही  बिलोती  दादी नानी नहीं रही वह कथा कहानी कहां  गई  पीपल की छांव वो बचपन की याद पुरानी   सावन  के  झूले  कहां  अब कहां बरसता टिप टिप पानी बहुत सुहानी लगती हमको वो  बचपन  की  याद पुरानी   निकर पहन स्कूल…

दिल हुआ आपका दिवाना है

Romantic Ghazal | दिल हुआ आपका दिवाना है

दिल हुआ आपका दिवाना है ( Dil Hua Aapka Deewana Hai )   दिल हुआ आपका दिवाना है। धड़कनों में तुझे बसाना है।। तेरे  दम  से  वजूद  है  मेरा। सांस लेना तो इक बहाना है।। कम नहीं झील से तेरी आंखें। डूब  के  ही  सुकून  पाना है।। भूल सकता नहीं नशा हरगिज़। जो  तेरा  आँख…

सनातन नववर्ष

सनातन नववर्ष | Sanatan nav varsh par kavita

सनातन नववर्ष ( Sanatan nav varsh )   वर्ष नया हो हर्ष नया हो घटा  प्रेम  की  छाई  हो जीवन का उत्कर्ष नववर्ष मधुर  बजे  शहनाई  हो   सनातन संस्कृति हमारी केसरिया  बाना  लहराये राज तिलक राम का हुआ राममय  माहौल  हो जाए   मां दुर्गा शक्ति स्वरूपा आकर हर ले कष्ट सारे चैत्र नवमी…

Eid Ghazal

Eid Ghazal | ईद पर ग़ज़ल

ईद पर ग़ज़ल ( Eid Par Ghazal )   लिए पैगाम खुशियों का मुबारक ईद आती है। भुलाकर वैर आपस के हमें जीना सिखाती है।।   खुदा के है सभी बंदे भले मजहब कोई भी हो। करो दीदार चंदा का दिलों का तम हटाती है।।   नहीं  कोई  पराया  है  बढ़ाके  हाथ  तो  देखो। गले…

जिंदगी क्यों तेरी मर गई आरजू

Dard Bhari Ghazal | जिंदगी क्यों तेरी मर गई आरजू

जिंदगी क्यों तेरी मर गई आरजू  ( Jindagi kyon teri mar gai aarzoo )     जिंदगी  क्यों  तेरी  मर गई आरजू अब न दिल में कोई भी बची आरजू   चाहकर भी नहीं कुछ उसे कह सका रोज़  दिल  में  तड़फती रही आरजू   ढूंढ़ता  ही  रहा  हूँ  गली दर गली जिंदगी की मेरी…

दुनिया

Kavita | दुनिया

दुनिया ( Duniya )   रात  मे  चाँद को , जिसने  चमकना  सिखाया । सूरज की किरणों को ,आलोक फैलाना बताया ।। ग्रीष्म ,वर्षा ,शीत ,बसंत ,होती अजीब घटनाएं है । वंदन  है  प्रभु ! उन्हें , जिसने  ये दुनिया बनाया ।। उफनती  नदियों  को , जिसने  बहना  सिखाया । गहरी  काली  झीलो  को ,…

भारत रत्न भीमराव अंबेडकर

Kavita | भारत रत्न भीमराव अंबेडकर

भारत रत्न भीमराव अंबेडकर ( Bharat Ratna Bhimrao Ambedkar ) भारत के पावन भूमि में जन्मे, भीमराव अंबेडकर शत शत तुम्हें प्रणाम| भारत का इतिहास में रहेगा सदैव तुम्हारा नाम| पिता राम मालो सकपाल माता श्रीमती भीमाबाई, 14 अप्रैल को आया था भारत का लाल| महू छावनी में जन्म स्थल  अंबाबाड़े ग्राम| छुआछूत की लड़ाई…

चंद्रवार का गृहकार्य

Kavita Chandrawar | चंद्रवार का गृहकार्य

चंद्रवार का गृहकार्य ( एक विलोमपदी )   टेक धन लोलुप भेड़ियों के झुंड में प्रजातंत्र, अकेली भेड़ सा घिर गया है। आदर्शवाद की टेक पर, चलते – चलते, कटे पेड़ सा गिर गया है। मुट्ठी भर सत्पुरुष लजा- लजा कर सिर धुन रहे हैं, और अनगिनत कापुरुष राजा, नित नया जाल बुन रहे हैं।…

तुझ संग जुड़े नेह के तार

Romantic Kavita | तुझ संग जुड़े नेह के तार

तुझ संग जुड़े नेह के तार ( Tujh sang jude neh ke taar )   जीवन पथ की हमसफर हो मेरे  दिल  का  तुम करार मधुर संगीत का साज हो तुम संग जुड़े नेह के तार   कितना प्यारा प्यारा लगता सुंदर   सुंदर   यह   संसार हर्षित मन का कोना कोना तुझ  संग जुड़ें नेह के…

दिल में इतनी बढ़ गई है दूरियां

Hindi Ghazal on love | दिल में उनसे बढ़ गई है दूरियां

दिल में उनसे बढ़ गई है दूरियां ( Dil mein unse badh gayi hai dooriyan )   दिल में उनसे बढ़ गई है दूरियां।। रास  आने  है  लगी  तन्हाइयां ।।   फ़ासलाअब बढ़ गया है इस कदर।। साथ  रहना  बन  गया  मज़बूरियां।।   ग़म बढ़ा हद से ज़ियादा जब मेरा। दिल को तब भाने लगी…