अब रहा है कौन अपना गांव में

अब रहा है कौन अपना गांव में | Ghazal

अब रहा है कौन अपना गांव में  ( Ab raha hai kaun apne gaon mein )     अब रहा है कौन अपना गांव में रह गया हूँ देखो तन्हा गांव में!   वो नहीं आया नगर से लौटकर रस्ता उसका रोज़ देखा गांव में   छोड़ आया  हूँ नगर मैं इसलिए है मकां ए…

आया राखी का त्यौहार 

आया राखी का त्यौहार | Geet rakhi par

आया राखी का त्यौहार  ( Aaya rakhi ka tyohar )   आया राखी का त्यौहार आया राखी का त्यौहार कलाई पर बांध रही है बहना लेकर हर्ष अपार आया राखी का त्यौहार   एक रेशम की डोर लाई, बहना छम छम करती आई। चंदन तिलक लगा माथे पर, बहना करती मंगलाचार। आया राखी का त्यौहार   महक रहा…

मानव अधिकारों के संरक्षण की आवश्यकता और क्रियान्वयन के उपाय

निबंध: मानव अधिकारों के संरक्षण की आवश्यकता और क्रियान्वयन के उपाय

निबंध: मानव अधिकारों के संरक्षण की आवश्यकता और क्रियान्वयन के उपाय (Essay in Hindi on : The need for protection of human rights and measures to be implemented ) भूमिका ( Preface ) :- मानवाधिकार शब्द भले ही नया लगता है लेकिन इसकी अवधारणा मानव जाति के इतनी ही पुरानी है। मानव शुरू से ही…

लो आया राखी का त्यौहार

लो आया राखी का त्यौहार | Geet

लो आया राखी का त्यौहार ( lo aaya rakhi ka tyohar )   लो आया राखी का त्यौहार, बरसे भाई बहन का प्यार, कच्चे धागों में बसता है, सुहाने रिश्तो का संसार, लो आया राखी का त्यौहार-2   माथे चंदन अक्षत रोली, बहना नेह भरी रंगोली, कलाई पर बांध रही है, बहना अपना प्यार, लो…

चेहरा गुलाब जैसा है

चेहरा गुलाब जैसा है | Ghazal

चेहरा गुलाब जैसा है ( Chehra gulab jaisa hai )   मुस्कुराते हुए लब और चेहरा गुलाब जैसा है अब तो वो मेरे लिए बस इक ख्वाब जैसा है   काबीलियत नहीं मेरी शायद जिसे पाने की जिंदगी में मेरे लिए वह उस खिताब जैसा है   मेरा वजूद मुनव्वर है आज भी उसके दम…

चमन में अब निखार है शायद

चमन में अब निखार है शायद | Ghazal

चमन में अब निखार है शायद ( Chaman me ab nikhar hai shayad )   चमन में अब निखार है शायद। आने वाली बहार है शायद ।।   वो मर गया मगर हैं आंखें खुली, किसी का इंतजार है शायद।।   गर्ज पूरी हुई मुंह मोड़ लिया, बहुत मतलबी यार है  शायद।।   पांव में…

आज मुद्दतों बाद 

आज मुद्दतों बाद | Romantic Ghazal

आज मुद्दतों बाद  ( Aaj muddaton baad )     आज मुद्दतों बाद वो चुपके से पास आकर मेरा  हाथ सहलाकर  पूछती है   कहाँ गुम हो क्यों खामोश हो मुझे क्यों भूल गये   स्याही क्या सूख गई हर्फ क्या नहीं मिल रहे अलफाज़ नहीं जुड़ रहे   क्यों इतने गमगीन हो जो मुझको…

भाग कर प्रेम और विवाह

भाग कर प्रेम और विवाह | डॉ.कौशल किशोर श्रीवास्तव की कलम से

भाग कर प्रेम और विवाह ( Bhag kar prem aur vivah )   पत्नि ने मुझसे चिरोरी करते हुए कहा “चलो हम भाग कर शादी कर ले। ” हरेक पत्नि की तरह मेरी पत्नी भी एक ऐसा बिजली का तार है जो दूर से भी झटके मारती है। इस बार चिरोरी कर रही थी। लगता…

प्यार भरा दिल  मेरा तोड़ कर वो गया

प्यार भरा दिल मेरा तोड़ कर वो गया | Sad Shayari

प्यार भरा दिल  मेरा तोड़ कर वो गया ( Pyar bhara dil mera tod kar wo gaya )     प्यार भरा दिल  मेरा तोड़कर वो गया  उम्रभर  के  लिये  छोड़कर  वो  गया   देखता  रह  गया  बेबसी  से  उसे मुझसे ही मुंह अभी मोड़कर वो गया   लें  गया  वो  निशानी  सगाई  की  ही…

hirdayagan online kavi sammelan

डा0 अलका अरोड़ा के संचालन में हृदयांगन संस्था मुंबई का हुआ आनलाइन राष्ट्रीय कवि सम्मेलन

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर हृदयांगन साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था मुंबई ने एक शाम देश के नाम कार्यक्रम 14 अगस्त 2021 को आयोजित किया जिसमे देश प्रेम तथा विविध गीतो की जमकर बरसात हुई।। कार्यक्रम की शुरूआत श्री सदाशिव चतुर्वेदी मधुर जी ने सरस्वती वंदना से की ।। चार घंटे चले इस कवि सम्मेलन…