तकरार हो गया कल उससे प्यार में | Takrar Shayari
तकरार हो गया कल उससे प्यार में
( Takrar Ho Gaya Kal Usse Pyar Me )
तकरार हो गया कल उससे प्यार में!
देखो भरी नजाकत दिलदार में
कैसे जुड़ेंगे रिश्ते प्यार के भला
टूटे है प्यार के जो रिश्तें खार में
इतना बदल गया है शहर में जाकर
वो बात अब नहीं है मेरे यार में
टूटेगी दीवारें वो नफ़रतों की सब
इस प्यार के ही यें ए यार वार में
तू भूल जा दिल से उस बेवफ़ा को ही
दिल मत रख तू उसी के ही बेक़रार में
आयेगा चाँद सी सूरत वाला गली
बैठा आज़म उसी के इंतजार में