तन्हा रातें | Tanha Raatein
तन्हा रातें
( Tanha raatein )
जाड़े की
ठिठुरती
तन्हा रातें
कोहरे में
लिपटे
जर्द होते
जिस्म
और
बर्फ होते
रिश्तों को
पिघलाने के लिये
काफी हैं
कुछ तेरी
कुछ मेरी
चंद गरम
सांसें
या फिर
.
.
.
.
साथ गुजारे
पलों की
यादों की
तपिश..
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )
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