तेरी मैं बात मैं समझा नहीं हूँ
तेरी मैं बात मैं समझा नहीं हूँ

तेरी मैं बात मैं समझा नहीं हूँ

 

( Teri Main Baat Mein Samjha Nahi Hun )

 

 

तेरी मैं बात मैं समझा नहीं हूँ !

पढ़ा लिक्खा देखो इतना नहीं हूँ

 

निगाहों से इशारे मत किया कर

सकूं से फ़िर सनम  रहता नहीं हूँ

 

मुहब्बत में दग़ा खायी है जब से

हाले दिल से मगर अच्छा नहीं हूँ

 

मगर मुझसे दग़ा की बात मत कर

वफ़ा में मैं करता धोखा नहीं हूँ

 

वफ़ा में की दग़ा जब से उसने तो

नगर उसके अब मैं रहता नहीं हूँ

भुला दिल से चुका आज़म उसे तो

मुहब्बत में आहें भरता नहीं हूँ

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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