तिरंगा | Tiranga par kavita
तिरंगा
( Tiranga )
वीर शहीदों की कुर्बानी याद दिलाता है तिरंगा।
भारतवासी के सीने में जोश जगाता है तिरंगा।।
मुश्किल चाहे हो रस्ता या मंजिल तेरी हो दूर बहुत।
ग़र जज़्बा हो तो पा सकते हैं हमें सिखलाता है तिरंगा।।
रातें हो चाहे गहरी -लंबी ढ़ल तो वो भी जाती है।
बीती रात गुलामी की भी यही बतलाता है तिरंगा।।
था जो कभी सोने की चिड़िया विश्व-गुरु की पदवी जिसकी।
दुनिया-भर को योग सिखाता सब को जगाता आज तिरंगा।।
खुदगर्जी सब छौङ के अपनी देश की ख़ातिर जीना सीखो।
तुम देखोगे विश्व-शिखर पे “कुमार” लहराता है तिरंगा।।
कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)
यह भी पढ़ें :