हाल पूछो न यार होली का

हाल पूछो न यार होली का | Happy Holi shayari

हाल पूछो न यार होली का

( Haal Pucho Na Yar Holi Ka )

 

हाल  पूछो न यार होली का।
दिल में मेरे गुबार होली का।।

 

इस कदर दूर वो हुए हम से।
जश्न फीका हज़ार होली का।।

 

ग़र नहीं प्यार रँग सभी फीके।
छाया हर सू ख़ुमार होली का।।

 

संग खेले सभी बङे-छोटे।
ऐसा होता दुलार होली का।।

 

ये जो रंगत है तेरे गालों पे।
रंग इस में शुमार होली का।।

 

जो भी रंगों में प्यार के डूबा।
पाया दिल पे निखार होली का।।

 

सारी नफ़रत बहा भी दो इस में।
बह रहा रँग अपार होली का।।

 

फिर से खुशियां हमारी लौटेगी।
कितना प्यारा क़रार होली का।।

 

रंग मिटता है पर नहीं मिटता।
दाग़ दिल से “कुमार” होली का।।

 

?
कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)

यह भी पढ़ें : 

Vidai party ghazal | विदाई-पार्टी स्पेशल

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *