उठे जब भी कलम
उठे जब भी कलम
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आखिर मिल ही गया रिश्ता ( Akhir mil hi gaya rishta ) आखिर मिल ही गया आज हमारे लिए रिश्ता, चार वर्ष से घूम रहें थें जिसके लिए मेरे पिता। यें बाइसवीं साल में जो हमनें कदम रख दिया, सतायें जा रहीं थी पिताजी को हमारी चिन्ता।। कही पे लड़कें में कमी तो…
भारतीय संविधान ( Bhartiya samvidhan ) कोटि कोटि कंठो से निकली एक यही स्वर धारा है सबसे न्यारा सबसे प्यारा सुसंविधान हमारा है, शत् शत् नवल प्रणाम तुम्हें एक तुम्हीं सहारा है बहते दरिया में नावों का सुंदर एक किनारा है , समता का अधिकार दिया यह शिक्षा का उजियारा है नारी…
मेरे मन का शोर ( Mere mann ka shor ) विचारों की उथल-पुथल उमड़ा मेरे मन का शोर कल्पनाओं ने उड़ान भरी आया भावों का दौर भावो का ज्वार हिलोरे ले रहा हलचल मची मन में उमंगे उठ रही नित नई साहस भर रहा नस-नस में प्रचंड भाव प्रवाह मन का तूफान…
भ्रष्ट नेता! लहू जनता का पीता ******** सभी बड़ी हस्तियां शामिल हैं यहाँ के भ्रष्टाचार में फूटी कौड़ी नहीं दी है जनता ने,किसी को उधार में! लाखों करोड़ों की गड्डियां जो निकलती हैं, उनके दराजों से… आम आदमी का लहू है, मटिया तेल नहीं! जो ये टिन के डब्बे में छिपा कर रखते हैं अपने…
हिंद का गौरव-हिंदी ( Hind ka Gaurav – Hindi ) हिंद का गौरव हिंद का मान हिंदी हिंद देश की पहचान। हिमालय सा विशाल प्रसार हिंद महासागर सा विस्तार। सहज,सरल,सुगम,समर्थ भावों से भरे सुन्दर अर्थ। भारत भू के कण कण में महकी,निखरी हर युग में। पद्य की रचे भाषा मीठी गद्य में कहे गाथा…
आया होली का त्योहार ( Aaya Holi ka Tyohar ) आया होली का त्योहार, पानी की बौछार, रंग बिरंगी दुनिया में रंगहीन ना हो त्योहार। ना करें पानी की बरबादी ना हो प्रकृति को नुक्सान, ना मज़हब का हो चश्मा एक दूजे का हो सम्मान। राजनीति रंग में ना रंगे औरों को भी ना…