वसुधैव कुटुंबकम्

( Vasudhaiva kutumbakam ) 

 

वसुधैव कुटुंबकम् से, दुनिया का आर्थिक श्रृंगार

जी 20 अप्रतिम मेजबानी,
भारत वर्ष अहो भाग्य ।
अतिथि देवो भव सत्कार,
आनंद अथाह हिंद गणराज्य ।
सर्व विकासशील अर्थव्यवस्था ,
भव्य स्वप्न अब साकार ।
वसुधैव कुटुंबकम् से, दुनिया का आर्थिक श्रृंगार ।।

वर्तमान वैश्विक चुनौतियों पर ,
गहन अमृत मंथन ।
मानव केंद्रित समावेशी विकास,
जी_ राष्ट्र स्नेहिल बंधन ।
अंतोदय परम लक्ष्य,
समग्र खुशियों का आधार ।
वसुधैव कुटुंबकम् से, दुनिया का आर्थिक श्रृंगार ।।

एक पृथ्वी एक परिवार संग,
एक भविष्य का आह्वान ।
लैंगिक समानता नारी सशक्तिकरण,
जी _20 ध्येय अरमान ।
पारस्परिक विनिवेशन प्रस्ताव,
सरल सुगम विश्व व्यापार ।
वसुधैव कुटुंबकम् से, दुनिया का आर्थिक श्रृंगार ।।

भारत मंडपम आह्लाद,
पुरात्तन वैभव ताकत ।
चंद्रयान तीन शीर्ष सफलता ,
बुलंद हिंदवी प्रौद्योगिकी नजाकत ।
संरक्षण सद्भाव उम्मीद निहित,
विकास पथ सदाबहार ।
वसुधैव कुटुंबकम् से, दुनिया का आर्थिक श्रृंगार ।।

 

 

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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