
शब्द
( Shabd )
( 1 )
शब्दों से मत खेलिए जनाब
शब्द बहुत खतरनाक होते हैं
कभी-कभी मुंह
तो कभी हाथ जला देते हैं
हो अगर सटीक शब्द
तो सिंहासनारुढ़ भी कर देते हैं
हो अगर भावुक
तो प्रतिफल रुला देते हैं
ये शब्द ही है
जो उदास जिंदगी में नई उमंग भर देते हैं
है शब्द एक पूजा
जो साधक को अपने अमर बना देती है
इसलिए ना खेल इन शब्दों से
करना नित उनकी पूजा
कभी नाराज ना हो जाए यह तुमसे
ठौर मिलेगा ना कहीं दूजा
( 2 )
शब्द ही शब्द की पूजा है
शब्द ही उसका स्वरूप
शब्द से त्रिदेव बने हैं
शब्दों से बना मानव भूत
बिन शब्द के सुना है
यह धरती यह संसार
ईश्वर भी मिलेगा तुमको
शब्दों के संसार
शब्द ही बहती है
पक्षियों के सुरम्य आवाजो में
शब्द ही कोलाहल करती है
महा प्रलय के भावों में
शब्दों के खेल निराले हैं
इन्हें समझना जरूरी है
जो ना समझे शब्दों को
उनका मिटना जरूरी है
हां उनका मिटना जरूरी
नवीन मद्धेशिया
गोरखपुर, ( उत्तर प्रदेश )