व्यवहार | Vyavhar
व्यवहार
( Vyavhar )
आपका व्यवहार ही
करता है निर्माण आपके चरित्र का
डिग्रियां और ओहदे तो केवल
आपकी पहचान भर ही कराते हैं
व्यावहारिकता को
किसी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होती
उसे तो आपके
संस्कार ही प्रमाणित करते हैं
और वे केवल आपको ही नहीं बल्कि
आपके खानदान की गुणवत्ता के भी परिचायक होते हैं
समाज में बैठने की जगह
जितना व्यवहार बना देता है
उतनी शक्ति किसी और में भी नहीं होती
आपकी सारी शक्तियां तो
दिमाग की ताकत ही पैदा करती हैं
किंतु व्यवहार आपको
लोगों के दिलों तक पहुचाता है
आप रहे या ना रहे
किंतु व्यवहार ही
आपको मरने के बाद भी जिंदा रखता है
अच्छे से अच्छे प्रमाण की भूमिका में
एक प्रेरणा स्रोत की तरह..
( मुंबई )