वो रहते हम से दूर सदा

वो रहते हम से दूर सदा

वो रहते हम से दूर सदा

 

 

वो रहते हम से दूर सदा।
रख दिल में गाँठ हजूर सदा।।

 

सूरत भी कोई ख़ास नहीं।
पर समझे खुद को हूर सदा।।

 

खूबी भी कोई पास नहीं।
फिर भी रहते मगरूर सदा।।

 

हम बात नहीं करना चाहे।
वो आदत से मजबूर सदा।।

 

जो बांटा है वो पाओगे।
ये कुदरत का दस्तूर सदा।।

 

वो थोड़ा प्यार हमें करते।
तो हम करते भरपूर सदा।।

 

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कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)

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कभी चहरे पे मत रीझौ दिलों से लोग काले है

 

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