याद आज़म को बहुत ही आ रही है आपकी
याद आज़म को बहुत ही आ रही है आपकी

याद आज़म को बहुत ही आ रही है आपकी

( Yaad azam ko bahut hi aa rahi hai aapki )

 

 

याद आज़म को बहुत ही आ रही है आपकी

ज़िन्दगी में रोज़ ही लगती  कमी है आपकी

 

इसलिये तो हम चले आये नगर मिलने तुम्हें

की ख़बर कुछ भी नहीं हमदम मिली है आपकी

 

याद भी करते नहीं दिल से भुला बैठे हमें

बेवफ़ा देखो बड़ी ही दोस्ती है आपकी

 

एक पल भी आप बिन अब तो रहा जाता नहीं

रोज़ आदत अब हमें तो हो गयी है आपकी

 

प्यार की कर लो निगाहें ये हमेशा के लिये

दिल परेशां कर रही ये बेरुख़ी है आपकी

 

क्यों न हो दिल आपकी ख़ातिर यहाँ बेचैन अब

यार दीवाना ये सूरत कर गयी है आपकी

 

पूछते हैं लोग आज़म क्या हुआ ये बोलिए

इस कदर क्यूँ आज आंखों में नमी है आपकी

 

 

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शायर: आज़म नैय्यर

( सहारनपुर )

 

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