
तेरी याद में
( Teri yaad me )
जमाना ख़राब हो गया तेरी याद में,
मैं अधमरा हो गया हूं तेरी याद में।
कितनों को वफ़ा का सबक सिखाओगे,
खुद बेवफ़ा हो गया मैं तेरी याद में ।
जिस्म से खेलने का हूनर मुझे नहीं है,
मुझे ख़्वाब आने लगें तेरी याद में।
जी नहीं भरता सूकून नहीं मिला है अब तक,
क्या करूं मैं बस वक्त निकाल रहा तेरी याद में ।
मेरे परवरदिगार मैं क्या करूं आप बताइए,
कुछ गुनाह हुआ होगा मेरे से तेरी याद में।
खान मनजीत सम्भल जा अभी वक्त है बहुत,
परेशान हो गया हूं मैं दिन रात तेरी याद में।
मनजीत सिंह
सहायक प्राध्यापक उर्दू
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ( कुरुक्षेत्र )