यादें

यादें | Yaadein kavita

यादें

( Yaadein )

 

1. तेरी यादों में दिलये सजा है, इश्क है ये तमाशा नहीं है |
वो भी दिल कोई दिल है जहां में, जिसमें तस्वीर तेरी नहीं है |
वो भी दिल कोई दिल है जहां ……..||

 

2. चांद सूरज सितारों में देखा, फूल कलियों,बहारों मे देखा |
लौट आई मगर मेरी नजरें, उनमें चेहरा तुम्हारा नहीं है |
वो भी दिल कोई दिल है जहां ……..||

 

3. ऐ मेरी मौत रुक जा जरा तू, फिर चलेंगे जहां तुम कहोगी |
अपनी जानम का मासूम चेहरा, मैने जी भर के देखा नहीं है |
वो भी दिल कोई दिल है जहां ……..||

4. इश्क-दौलत जिसे मिल न पाये, जाये-जाये वो घर अपने जाये |
जिसको मिल भी गई ऐसी दौलत, पास रखने के काबिल नहीं है |
वो भी दिल कोई दिल है जहां ……..||

 

5. इश्क में जो सिर को झुका दे, इश्क होता नहीं उसके दिल में |
सिर अगर झुक गया तो ये समझो, फिर उठाने के काबिल नही है |
वो भी दिल कोई दिल है जहां ………||

 

6.प्यार होता नहीं हर किसी से, जब हो जाये तो डरता नहीं है |
कोई भी आये आड़े जगत में, सर कटाने से डरता नहीं है |
वो भी दिल कोई दिल है जहां ……..||

 

7. आंधी आए या तूफां भी आए, पैर इसके नहीं डगमंगाते |
आंधी तूँफा हो जाते हैं बस मे, खुद व खुद रास्ते भी बताते |
वो भी दिल कोई दिल है जहां मे, जिसमें तस्वीर तेरी नहीं है ||

 

 तेरी यादों से दिल ये सजा है, इश्क है ये तमाशा नहीं है |
वो भी दिल कोई दिल है जहां में, जिसमें तस्वीर तेरी नहीं है ||

 

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कवि :  सुदीश भारतवासी

 

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