यादों की तानी रजाई!
यादों की तानी रजाई!
यादों की तानी रजाई!
लम्बी रातें है तन्हाई
ख़्वाब में आता नहीं वो
हाँ उदासी दिल पे छाई
चैन नहीं है रात भर अब
याद जब से उसकी आई
सोच में डूबा दिल उसकी
चोट दिल पे ऐसी खाई
हो चुका वो ग़ैर आज़म
ये बताये अब पुरवाई
शहर में कोई अपना रहबर नहीं दें सहारा मुझे वो मिला घर नहीं शहर में कोई अपना रहबर नहीं कर लिया प्यार का फ़ूल उसनें क़बूल आज उन हाथों में देखो पत्थर नहीं क़त्ल कर देता मैं उस दग़ाबाज का हाथ में मेरे ही वरना ख़ंजर नहीं हर तरफ़ नफ़रतों…
उल्फ़त का कभी अच्छा अंजाम नहीं होता उल्फ़त का कभी अच्छा अंजाम नहीं होता इससे बड़ा कोई भी बदनाम नहीं होता मैं बात नही कह पाता दिल की कभी उससे पीने को अगर हाथों में जाम नहीं होता हर व़क्त घेरे है यादें दिल को बहुत मेरे हाँ यादों से ही…
मिर्ज़ा ग़ालिब की टॉप 20 शेर ( Top 20 Sher of Mirza Ghalib ) 1.हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन दिल के ख़ुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है 2.मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले 3.हज़ारों ख़्वाहिशें…
मेरी ज़िन्दगी में थी ऐसी हसीना ( Meri zindagi mein thi aisi haseena ) वो आँखों पे ज़ल्फ़ों के पहरे बिठाये कभी ख़ुद हँसे औ’र मुझे भी हँसाये मेरे गीत अपने लबों पर सजाये कभी दिन ढले भी मेरे घर में आये लगे जेठ सावन का जैसे महीना ।। मेरी ज़िन्दगी में —— कभी…
जिंदगी इस तरह फिजूल किया ( Zindagi Is Tarah Fizool Kiya ) जिंदगी इस तरह फिजूल किया। हार कर हार न कबूल किया।। तुम तो अपनी अना पे खड़े रहे, मैंने ही खुद को बेउसूल किया।। जिंदगी तुझसे शिकायत भी नही, तूने जब चाहा हमें धूल किया।। लोग अंधियारे में खुश लगते है, हमें…
मेरा सम्मान – मातृभाषा हिन्दी ( Mera samman – matribhasha Hindi ) कब तक हिंदी मंद रहेगी अग्रेजी से तंग रहेगी कब तक पूजोगे अतिथि को कब तक माँ यूँ त्रस्त रहेगी माना अग्रेजी की जरूरत सबको माना बिन इसके नहीं सुगम डगर हो माना मान सम्मान भी दिलवाती पर मातृ भाषा बिन कैसी…