Yaksha Prashna
Yaksha Prashna

यक्ष प्रश्न

( Yaksha Prashna ) 

 

परिवार हि समाज की वह इकाई है
जहां से ,स्वयं समाज और देश का निर्माण होता है
व्यक्ति ही एक मे अनेक
और अनेक मे एक का
प्रतिनिधित्व करता है….

प्रश्न तभी है की क्या
एक व्यक्ति ही समाज का आधार है
या,समाज ही व्यक्ति का ?
हां,दोनो ही एक दूसरे के पूरक भी हैं
और जिम्मेदार भी……

व्यक्ति गर्भ से ही सही या गलत नही होता
समाज का प्रभाव ही उसे प्रभावित करता है
वह जो भी बनता है
परिवार ,माहौल और समाज की ही देन से बनता है
अकेला वही उत्तरदाई नहीं होता…..

सभी के गुणों और अनुभवों से सिंचित व्यक्ति
अपनी सोच के साथ मिलकर ही
आगे बढ़ता है..

इस आगे बढ़ने के वक्त ही
समाज अपनी जिम्मेदारी से विमुख हो जाता है
और व्यक्ति के कर्म का भागीदार
व्यक्ति को ही बना देता है..

व्यक्ति सही किया तो सभी साथ और कुछ गलत पर
वह अकेला
यही व्यक्ति के जीवन का सत्य है
जब की यदि ,व्यक्ति गुनहगार है तो समाज भी उतना ही गुनहगार
किंतु ,तब दोषी व्यक्ति ही
ऐसा क्यों !!!???

 

मोहन तिवारी

 ( मुंबई )

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संवाद | Samvad

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