गुरु नमन
( Guru Naman )
गुरु क्या मिले जिंदगी मिल गई है।
सारे जहां की खुशी मिल गई है।।
अनमोल मोती भरा सिंधु सारा।
दमकता सूरज गुरु भाग्य सितारा।।
मिले वरदहस्त किस्मत खुल गई है।
गुरु क्या मिले जिंदगी मिल गई है।।
अंगुली पकड़कर रास्ता दिखलाया।
दुनिया का अनुभव हमें बतलाया।।
जलाया ज्ञान दीप राहे मिल गई है।
गुरु क्या मिले जिंदगी मिल गई है।।
सदा सन्मार्ग चलने का पाठ पढ़ाया।
ऊंच-नीच का हमको जो ज्ञान कराया।।
हमे छत्रछाया विद्या दौलत मिल गई है।
गुरु क्या मिले जिंदगी मिल गई है।।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )