खुशियों की फुलझड़ी जलाओ | Deepawali ke geet
खुशियों की फुलझड़ी जलाओ
( Khushiyon ki phuljhadi jalao )
आई दिवाली नाचो गाओ
खुशियों की फुलझड़ी जलाओ
दीप प्रेम के रोशन करते
स्वागत में सब घर सजाओ
खुशियों की फुलझड़ी जलाओ
प्यार के मोती जग लुटाओ
स्नेह सुधारस खूब बहाओ
दीन हीन को गले लगाकर
मानवता का धर्म निभाओ
खुशियों की फुलझड़ी जलाओ
भाईचारा खूब बड़े अब
प्यार घोले रिश्तों मैं सब
घर घर में खुशहाली लाओ
सद्भावों की सरिता बहाओ
खुशियों की फुलझड़ी जलाओ
बड़ों का सम्मान करें सब
संस्कारों का मान करें हम
दिवाली को दिव्य स्वरुप में
दीपोत्सव सब मिल मनाओ
खुशियों की फुलझड़ी जलाओ
रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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