नर से नारायण | Nar se Narayan
नर से नारायण
( Nar se narayan )
( Nar se narayan )
अभी है वक्त ( Abhi hai waqt ) खौल उठना है खून ,जब देती है दिखाई नग्न ता वह सोच की हो या परिधान की या हो डूबती संस्कृति और सभ्यता पुरखों से मिली धरोहर को निगल रही यह आधुनिकता पुरुषत्व हीन हो रही नव पीढ़ी गांजा चरस अफीम की विविधता शर्म , लाज,…
मेरी कविता के शब्द ( Meri Kavita ke Shabd ) तुम्हारे शब्द निहार रहे हैं मुझे और लज्जा से गढ़ी जाती हूं मैं बंद करके भी देखा है मैंने किताब में खुद को तुम्हारे शब्दों में फिर पढ़ी जाती हूं मैं मेरे कंधों को छूते हुए गुजर रही थी तुम्हारे शब्दों की क्यारी पलकें झुका…
कुंभलगढ़ दुर्ग ( Kumbhalgarh durg ) शूरवीरों की तीर्थस्थली है, हिंद की महान दीवार शत शत वंदन अभिनंदन , मेवाड़ पुनीत पावन धरा । प्रताप शौर्य सदा परम, साक्षात गवाह हर कतरा । दर्शन मेवाड़ी आंख उपमा, कुंभलगढ़ महिमा सदैव अपार । शूरवीरों की तीर्थस्थली है, हिंद की महान दीवार ।। तेरह मई चौदह…
इजाजत् मिले तो –>इजाजत मिले जो मुझे, मेहबूब की नजर से || 1.मैं चाँद तोड़ लाऊँ, जुगनू को साथ ले कर | तारों को भी ले आऊँ, मुस्कान तेरी कह कर | रुख मोड दूँ हवा का, जब-जब तू मुस्कुराये | बादल हो जाएं घनेरे, तेरी जुल्फ जो लहराये | –>इजाजत मिल जोे मुझे,…
वर्ग विशेष ( Varg vishesh ) मानते हो यदि कोई स्वयं को साहित्यकार तो उसे खुलकर भी विरोध मे लिखना होगा लुट रहीं बहन बेटियां ,सरेआम कत्ल हो रहे बढ़ रहे दंगे फसाद , आतंकी मस्त हो रहे चोले बदलकर जिहादी ,कर रहे नाच नंगा संभाल रहे अभी आप,तहजीबी जमुना गंगा आए बन शरणार्थी,तानाशाही…
लालच बुरी बलाय ***** सदैव हलाल की कमाई खाएं, किसी के आगे हाथ न फैलाएं। ऊपर वाला जिस हाल में रखें- ख़ुशी ख़ुशी जीवन बिताएं, आवश्यकता से अधिक न चादर फैलाएं; बस अपना काम ईमानदारी से करते जाएं। बरकत और अल्ल्लाह की रहमत- खुद चलकर आपके द्वार आए, फिर काहे को हाय हाय? सब जानते…