स्वतंत्र भारत स्वाधीन भारत | Swatantra Bharat Swadhin Bharat
स्वतंत्र भारत स्वाधीन भारत
( Swatantra Bharat Swadhin Bharat )
अंग्रेजों के शासन से पहले भारत सोने की चिड़िया था,
दूध की नदियां बहती थीं और धरती उगाती सोना सा,
छल कपट की नीति से अंग्रेजों ने गुलाम बनाए रखा,
रक्त चूसकर ले गए सब भारत माता के आंचल का !!
भारत माता के सपूतों को मंजूर उनकी ये दशा नहीं थी,
१८५७ में मंगल पांडे ने विद्रोह की शुरुआत कर दी थी,
रानी लक्ष्मीबाई जैसे वीरों ने अनेकों कुर्बानियां करीं
एक एक विद्रोहों ने गुलामी की दीवारें हिला दी थीं !!
गांधीजी की अहिंसक आंदोलन से देश को नई दिशा मिली,
असहयोग जैसे आंदोलनों से अंग्रेजी शासन की नींव हिली,
लाठी डंडे गोलियां खा बूढ़े बच्चे औरतों ने शहादत दी,
तब जाकर भारत माता को बेड़ियों से आज़ादी मिली !!
लाखों बलिदानों का मोल चुकाकर हमने स्वतंत्रता पाई है,
स्वतंत्रता सेनानियों ने खून बहा कर ये आज़ादी दिलाई है,
देशवासियों भूल ना जाना उनकी निस्वार्थ कुर्बानियों को,
जवानों ने सीमा रक्षा कर भारत माता की गरिमा बढ़ाई है!!
स्वतंत्र भारत में सबको स्वमान से जीने का अधिकार मिले,
कर्त्तव्य निभाएं भारत की प्रगति को एक नया आधार मिले,
द्वेष घृणा न हो आपस में मिल जुलकर सब रहा करें,
गांधीजी के सपनों के भारत को नया आकार मिले!!
सभी जीव स्वतंत्र रहें पर स्वच्छंद ना कोई हुआ करे,
संस्कारों और संस्कृति की जड़ों से हर कोई जुड़ा रहे,
स्वतंत्रता दिवस पे भारतवासियों को ये प्रण दोहराना है,
आज़ादी के अमृतकाल में भारत विश्व विजयी बना रहे!!
वीरेन्द्र जैन
( नागपुर )