दुआएं जब दवा बन जाती है | Duayen Jab Dava ban Jati hai
दुआएं जब दवा बन जाती है
( Duayen jab dava ban jati hai )
दुआएं जब दवा बन जाती है,
खूब असर दिखाती है।
बदल जाती किस्मत सारी,
जीवन में खुशियां आती है।
बैरी सब अपने हो जाते,
सद्भावो के फूल खिलाते।
भर लेना दुआ से झोली,
भाग्य सितारे भी मुस्काते।
मरहम कोई काम न आए,
मन की पीर मिटा नहीं पाए।
दुआएं हर लेती है संकट,
दुख के बादल सब छंट जाए।
छाए हो घनघोर अंधेरे,
आ मुश्किलें जब डाले डेरे।
बस दुआएं काम आती,
मिट जाते सब कष्ट घनेरे।
सेवा करके मां बाप की,
बुजुर्गों का मिले आशीष।
महक उठे घर फुलवारी,
सब कृपा करें जगदीश।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )