बड़ों की दुआओं में प्यार
( Badon ki duaon mein pyar )
झोली भर लो मेरे यार, बड़ों की दुआओं में प्यार।
मां की ममता दे आशीष, सुखी हो तेरा घर संसार।
वंदन कर लो मेरे यार, बड़ों के चरणों में सुख गागर।
पिता प्रेम भरा इक सागर, पूजे जिनको नटवर नागर।
पूजन कर लो मेरे यार, बड़ों की डांट डपट में प्यार।
गुरुवर ज्ञान भरा भंडार, जीवन सबका देते संवार।
नमन कर लो मेरे यार, बड़ो की बातों में भी दुलार।
बुजुर्ग खुशियों का अंबार, संस्कार पाता घर परिवार।
निभा लो रिश्ते मेरे यार, छुपा है अपनापन और प्यार।
प्रेम की बहती अविरल धार, उमड़े खुशियों का अंबार।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )