शाम लगभग नौ बजे | Shaam lagbhag nau Baje
शाम लगभग नौ बजे
( Shaam lagbhag nau baje )
( Shaam lagbhag nau baje )
पैली आली बाता अब री कट्ठे ( Paili aali bata ab re katthe ) पैली आली बाता अब री कट्ठे, ग़म खाबो गुस्सो पीबो अब कट्ठे। घाट अर छाछ का सबड़का कट्ठे, गुड़ तिली रो तेल अब पचें कट्ठे।। भाग फाट्या ही सब उठ जाता, दादा उ सबल्ला घर का डरता। गाँय भास रो…
सपनों की उड़ान ( Sapno Ki Udaan ) सपनों की उड़ान,छू लेती ,आसमान ।करती पूरे ,अरमान ।लाती है ,ये मुस्कान ।भर देती , दिल में जान ।अलग है , इसकी शान ।अद्भुत है ,ये उड़ान ।वाह ,सपनों की उड़ान । श्रीमती प्रगति दत्तअलीगढ़ उत्तर प्रदेश यह भी पढ़ें :
समय के संग कैसे दौड़ू ( Samay ke sang kaise daudoon ) वक्त निकला जा रहा तीव्र गति के साथ समय संग कैसे दौड़ू बोलो हे मेरे नाथ शनै शनै यूं बीत रहे पल प्रतिपल दिन रात कालचक्र भी घूम रहा है बदल रहे हालात नियति खेल निराले भांडा अभाग्य कैसे फोडूं…
प्यासा मन ( Pyasa man ) उमड़ घुमड़ बदरिया बरसे बरसाओ प्रेम जरा सा सावन की झड़ी लग रही मन मेरा फिर भी प्यासा मन मेरा फिर भी प्यासा महकी मन की बगिया फूलों की मुस्कानों सी देखता हूं जब भी तुझको झूमती दीवानों सी इक आहट से दिल धड़कता प्रेम गीत भरा…
आखरी सत्य ( Aakhri Satya ) बहुत दिनों से मेरी फड़क रही थी आँखे। कोई शुभ संदेश अब शायद मिलने वाला है। फिर एकका एक तुम्हें आज यहाँ पर देखकर। दिल अचंभित हो उठा तुम्हें सामने देखकर।। बहुतों को रुलाया हैं जवानी के दिनों में। कुछ तो अभी जिंदा है तेरे नाम को जपकर। भले…
राम की परम स्तुति में ( Ram ki param stuti mein ) सुषमा श्री निधि,राम की परम स्तुति में हिंद रज रज हर्षल प्रवाह, निहार राम मंदिर निर्माण । कल्पना भव्य साकार रूप, जनमानस स्पर्श पथ निर्वाण । बाईस जनवरी अद्भुत अनुपम, सर्वत्र आनंद राम विग्रह भक्ति में । सुषमा श्री निधि,राम की परम…