आज फिर ग़मज़दा हो गया | Gamazada Shayari
आज फिर ग़मज़दा हो गया
( Aaj Phir Gamazada ho Gaya )
यार भी बेवफ़ा हो गया
देखलो वो जुदा हो गया
चाहते थे जिसे हम बहुत
शख्स मुझसे ख़फ़ा हो गया
आज यूं हो गया ज़ीस्त से
साथ मेरे दग़ा हो गया
अश्क़ छलके मेरी आंख से
यार जब तू जुदा हो गया
देखकर हाल तेरा आज़म
आज फ़िर ग़मज़दा हो गया