Kavita Konark Mandir

कोणार्क सूर्य मंदिर | Kavita Konark Mandir

कोणार्क सूर्य मंदिर

( Konark Surya Mandir ) 

 

वास्तुकला व डिजाइन का वो है ऐसा उदाहरण,
समय की गति को दर्शाता सुंदर वहां पर्यावरण।
काला पगोड़ा भी कहते इसे गहरे रंग के कारण,
एस्ट्रोनोमी, आर्किटेक्चर का अद्भुत उदाहरण।।

सूर्य देव की प्रथम किरण आती है इस मंदिर में,
७७२ वर्ष पुराना मंदिर है जो उड़ीसा के पुरी में।
१३वीं सदी में बनवाया इसे गंगावश के राजा ने,
आज यही शामिल है प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में‌।।

राजा-नरसिंहदेव प्रथम ने बनवाया था इसी को,
१२ जोड़ी पहियों से ख़ूबसूरत तराशा जिसको।
रथ की आकृति के जैसा दर्शाया गया है इसको,
भारत के ०७ आश्चर्यों में एक बताया जिसको।।

कोणार्क सूर्य मंदिर परिसर में कुल २२ मंदिर है,
जिसमे एक सूर्यदेव की पत्नी छाया देवी का है।
जहां सूर्य देव की ०३ मूर्तियां बेहद आकर्षक है,
जिसमें एक उगता, दोपहरी व ढ़लता सूरज है।।

ये सूर्य मन्दिर वर्ल्ड हेरिटेज रिकॉर्ड में है अंकित,
जो विदेशियों को सर्वाधिक करता है आकर्षित।
इसके पहियों में ८ छोटी तीलियां व्यास ९ फीट,
धूपघड़ी का बहुत है खगोलीय महत्व स्थापित।‌।

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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