Tera Shesh Bache
Tera Shesh Bache

तेरा शेष बचे

( Tera Shesh Bache )

 

मेरा सभी नष्ट हो जाये,
तेरा शेष बचे।
महाशून्य के महानिलय में,
तेरी धूम मचे।

तब कोई व्यवधान न होगा।
मान और अपमान न होगा।
सुख-दुख, आशा और निराशा
का कोई स्थान न होगा।

मन की सभी कामनाओं में,
तू ही मात्र रचे।
मेरा सभी नष्ट हो जाये,
तेरा शेष बचे।

में क्या जानूॅ तू है कैसा?
सुनता रहता ऐसा वैसा।
तेरे नख शिख के वर्णन में,
लगता मुझे बहुत है भय सा।

जिस वर्णनातीत के इंगित,
है ब्रह्माण्ड नचे।
मेरा सभी नष्ट हो जाये,
तेरा शेष बचे।

मैं नत सिर हूॅ तेरे आगे।
सब कुविचार सदा को भागें।
कृपा करो करुणानिधि सत्वर,
अब अविवेक न मन में जागे।

मुझे भ्रमित करने को तेरी,
माया ना पहुॅचे।
मेरा सभी नष्ट हो जाये,
तेरा शेष बचे।
तेरा शेष बचे…

sushil bajpai

सुशील चन्द्र बाजपेयी

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

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